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खुले आसमान में बैठकर ट्रेन की प्रतीक्षा करने पर मजबूर यात्री

अमेठी : संग्रामपुर ब्लाक के एक मात्र रेलवे हाल्ट सहजीपुर मौजूदा समय में बद से बदतर दशा में पहुंच गया

By Edited By: Updated: Tue, 08 Dec 2015 11:13 PM (IST)
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अमेठी : संग्रामपुर ब्लाक के एक मात्र रेलवे हाल्ट सहजीपुर मौजूदा समय में बद से बदतर दशा में पहुंच गया है। तीन दशक पूर्व स्थापित हाल्ट पर प्रतीक्षालय का किराया अदा करने के बाद भी लोगों को खुले आसमान में ट्रेन की प्रतीक्षा करने में मजबूर होना पड़ रहा है। पेयजल के लिए लगाया गया हैंडपंप खराब होने के कारण लोगों को बस्ती में पानी पीने के लिए जाना पड़ता है। गाव के लोगों ने समस्या के निस्तारण के साथ ही हाल्ट को स्टेशन का दर्जा दिलाने के लिए पीएम और रेल मंत्री को ज्ञापन भेजा है।

संग्रामपुर ब्लाक के लोगों की माग पर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाधी ने सहजीपुर हाल्ट की स्थापना की थी। 1983 से संचालित हाल्ट पर एक कमरे में बनाया गया। पानी पीने के लिए एक हैंडपंप लगाया गया था। हाल्ट पर टिकट की ब्रिकी का काम कांटै्रक्टर को दिया गया। प्रत्येक टिकट से दस प्रतिशत यात्री प्रतीक्षालय का किराया रेलवे वसूल रहा है। 35 साल से किराया तो वसूला जा रहा है, लेकिन अभी तक यात्रियों ने विभाग ने कोई व्यवस्था करना बेहतर नहीं समझा। हाल्ट पर पेयजल के लगाया गया हैंडपंप कई वर्षों से शोपीस बनकर रह गया है। प्रकाश की व्यवस्था न होने से लोगों को अंधेरे में जीवन यापन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। प्लेटफ ार्म न होने से छोटे बच्चे बुजुर्ग महिला और विकलागों को ट्रेन पर चढ़ने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। लोगों का कहना है कि अगर राजीव जिंदा होते तो आज इसकी दशा ऐसी न होती और हमारे हाल्ट को स्टेशन बनने से कोई रोक नहीं सकता था। गाव के लोगों ने पीएम और रेल मंत्री को समस्या के निस्तारण की माग के साथ रेलवे स्टेशन बनाने के लिए माग पत्र पीएमओ और रेलमंत्री को भेजा है।

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क्या कहते हैं लोग

गाव व क्षेत्र के लोगों ने श्रमदान से हाल्ट को बनवाया था। आज यह बदतर दशा में हो गया है। न बैठने का कोई इंतजाम और न ही शाम को उजाले की कोई व्यवस्था।

विश्वनाथ वर्मा

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हाल्ट पर प्लेटफ ार्म न होने से बुजुर्गों और विकलागों को ट्रेन पर बैठाने के लिए कई लोगों का सहारा लेना पड़ता है। कई बार प्रतिनिधियों से माग की गई लेकिन कोई नहीं हुआ।

हरिकेश पाल

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प्रत्येक साल तीन लाख से अधिक रुपये की टिकट ब्रिकी होती है। दस प्रतिशत यात्री सुविधा के नाम पर कटौती होती है। प्रकाश प्रतीक्षालय और पेयजल की व्यवस्था अभी तक नहीं की गई।

तिलकधारी तिवारी

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पीआरएल और शटल ट्रेन रात में आने से लोगों को घने अंधेरे में उतरना पड़ता है। दूसरे गाव के लोगों को अंधेरा होने के कारण और अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है।

सुरेश

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