सतर्क नहीं थी पुलिस हो ही गया बवाल
बदायूं : बिल्सी इलाके के गांव बेहटा गुसाईं में हुआ सांप्रदायिक बवाल योजनाबद्ध था। दूसरे समुदाय
By JagranEdited By: Updated: Wed, 16 Aug 2017 11:20 PM (IST)
बदायूं : बिल्सी इलाके के गांव बेहटा गुसाईं में हुआ सांप्रदायिक बवाल योजनाबद्ध था। दूसरे समुदाय के लोगों ने प्ला¨नग के तहत शोभायात्रा पर हमला बोला। इस बात को मौका-ए-वारदात पर मौजूद लोग बता रहे थे। फिलहाल पूरे मामले में पुलिस की लापरवाही भी खुलकर सामने आई है। उसकी बड़ी वजह है कि जब गांव में सांप्रदायिक बवाल होने की आशंका जताई जा रही थी तो भी पुलिस का कोई का¨रदा वहां पर तैनात नहीं किया गया।
हर साल की तरह इस साल भी पुलिस को शोभायात्रा निकाले जाने की सूचना दे दी गई थी। ग्रामीणों ने मांग की थी कि शोभायात्रा के दौरान गांव में पुलिस बल तैनात कर दिया जाए। इसके बाद भी थाना पुलिस मामले को हल्के में लेती रही। इधर, दूसरे समुदाय के लोगों ने योजना तैयार कर ली कि वह ऐन वक्त पर हमला बोलेंगे। असलहा, बारूद के साथ वह पूरी तैयारी के साथ मोर्चे पर जुट गए। शोभायात्रा जैसे ही उनके इलाके में पहुंची कि उन्होंने हमला बोल दिया। इधर, शोभायात्रा में शामिल लोगों को इस बात की बिल्कुल भनक नहीं थी कि उनपर अचानक हमला बोल दिया जाएगा। इसी वजह से वह घेरकर पीटे गए। बलवा करने वालों के हौंसले इस कदर बुलंद थे कि उन्होंने किसी को भागने तक का मौका नहीं दिया। जो मिला उसको वहीं पर घायल कर दिया। चारों ओर से घिरे बेबस ग्रामीण पुलिस से ही मदद की गुहार करते रहे। आधी अधूरी तैयारी के साथ पुलिस औपचारिकता निभाने जब तक पहुंची तब तक ग्रामीण घायल हो चुके थे। पुलिस की कोई तैयारी न होने की वजह से बलवा करने वालों ने कानून के पहरेदारों को भी घायल कर दिया। इससे गांव में दहशत का माहौल बन गया। अधिकारियों को भी गुमराह करती रही बिल्सी पुलिस बवाल के बाद बिल्सी पुलिस अपनी नाकामी को छिपाने के लिए पुलिस को भी गुमराह करती रही। पुलिस को भय था कि अगर अधिकारियों को बताया गया तो किसी पर भी कार्रवाई की गाज गिर सकती है। इसी बीच बवाल की सूचना जब जिले भर में फैली तो एसएसपी खुद चौंक पड़े। उन्होंने थाना पुलिस से जानकारी मांगी तब जाकर उन्हें बवाल के बारे में बताया गया।
पुलिस चाहती तो नहीं होता बवाल बिल्सी : विगत वर्षों में भी परौली और बेहटा गुसाई में कृष्ण जन्मोत्सव शोभायात्रा के दौरान तनाव उत्पन्न हुआ था। इसको देखते हुए गांव में शोभायात्रा के दौरान पीएसी तैनात किए जाने की मांग की गई थी, लेकिन पुलिस प्रशासन ने हल्के में लिया और शोभायात्रा के दौरान वारदात हो गई। उपद्रवियों ने ईंट-पत्थर फेंकने के साथ गांव को सांप्रदायिकता की आग में झोंकने का काम कर दिया और अब पुलिस मामले को शांत कराने में जुटी है।
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