Move to Jagran APP

मात्र दो पुलिस के भरोसे थी जुलूस

बहराइच) : शनिवार को नानपारा कोतवाली के गुरगुट्टा गांव में बारावफात जुलूस के दौरान जिस तर

By JagranEdited By: Updated: Sun, 03 Dec 2017 12:08 AM (IST)
मात्र दो पुलिस के भरोसे थी जुलूस

बहराइच) : शनिवार को नानपारा कोतवाली के गुरगुट्टा गांव में बारावफात जुलूस के दौरान जिस तरह फाय¨रग, तोड़फोड़ व लूटपाट की घटना हुई, उससे पुलिस की शिथिलता सामने आ गई। अमूमन त्योहार से पूर्व थानों पर शांति कमेटी की बैठकों में पुलिस व प्रशासन के अधिकारी गांवों के संभ्रांत लोगों के साथ बैठकें कर शांतिपूर्वक त्योहार संपन्न कराने की रूपरेखा तैयार करते हैं। एसपी ने भले ही मौके की नजाकत को देखते हुए दो सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया हो, लेकिन बड़ों की जिम्मेदारी तय करने को किनारे कर दिया गया।

जिले में होने वाले त्योहार पहले से ही संवेदनशील रहते हैं। यहां बड़ी तादाद में मिश्रित आबादी निवास करती है। इसको देखते हुए पूर्व से ही त्योहारों को शांतिपूर्वक संपन्न कराने का रिहर्सल शांति कमेटी की बैठकों में किया जाता है। गांवों में अराजकतत्वों को चिह्नित कर पाबंद करने की कार्रवाई की जाती है। जिन मार्गों से होकर जुलूस गुजरता है, उस पर रास्ते के विवाद को दोनों पक्षों के बीच सुलझा लिया जाता है। गुरगुट्टा गांव में परंपरागत मार्ग से अचानक जुलूस ने रास्ता बदल दिया और भीड़ बाद में विरोध करने पर उग्र हो गई। जुलूस में शामिल होने वाली हजारों की भीड़ को महज दो सिपाहियों की जिम्मेदारी पर छोड़ दिया गया। हालांकि घटना के बाद डीएम अजयदीप ¨सह व एसपी जुगुल किशोर ने मौके पर पहुंचकर हालात काबू कर लिया। एसपी ने दो सिपाहियों को निलंबित भी कर दिया। पुलिस ने ग्रामीणों की सूचना पर 10 संदिग्धों को हिरासत में लेकर जांच-पड़ताल तेज की है, लेकिन आम लोगों के मन में यह सवाल कौंध रहा है कि पूर्व में ही सतर्कता बरत ली जाती तो प्रशासन के दामन पर दाग बनी यह घटना टल सकती थी।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।