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मालगाड़ी इंजन भी दोनों सिरे से दौड़ेंगे

By Edited By: Updated: Mon, 12 May 2014 12:44 AM (IST)
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जागरण संवाददाता, बरेली: अब मालगाड़ी के इंजन दोनों ओर से रफ्तार भरेंगे। डीएलडब्ल्यू ने पहली बार दुर्घटना रहित लोको (रेल इंजन) तैयार किए हैं। इनका परीक्षण इज्जतनगर डीजल शेड में किया जाएगा। इसके लिए तीन रेल इंजन डीजल शेड में पहुंच चुके हैं।

पैसेंजर ट्रेन की तरह मालगाड़ी भी सौ से डेढ़ सौ किमी की रफ्तार से चलेंगी। डीजल लोकोमोटिव वर्कशॉप (डीएलडब्ल्यू), वाराणसी ने पांच मई को ब्रॉडगेज डीजल गुड्स (डब्ल्यूडीजी) फोर डी तैयार किया है। रेल इंजन में ड्यूल कैंप (दोनों ओर केबिन) हैं। इससे चालक मालगाड़ी को पैसेंजर ट्रेन के इंजन की तरह दोनों ओर से चला सकता है। उसे बार-बार ट्रैक देखने को खिड़की से नहीं झुकना पड़ेगा। पुराने मालगाड़ी इंजन में एक केबिन था। इस कारण आगे का ट्रैक देखने में काफी दिक्कत होती थी। मगर नए रेल इंजन में चालक-सहायक चालक को काफी राहत मिलेगी। इसके साथ ही कंसोल कंट्रोल (संचालन किट) का आकार भी बढ़ा है। इसका इंजन 45 हॉर्स पॉवर का होने के कारण पचास से साठ वैगन की मालगाड़ी लेकर सौ से डेढ़ सौ किमी की रफ्तार से दौड़ेगा। रेलवे की सबसे अधिक आय मालभाड़ा से होती है। यह नए रेल इंजन संचालन से और बढ़ने की उम्मीद है।

पहली बार इंजन का बदला रंग

रेलवे ने पहली बार मालगाड़ी रेल इंजन का रंग बदला है। यह रेल इंजन पीले और नीले रंग का तैयार किया गया है, जबकि अब तक सिर्फ लाल रंग के मालगाड़ी इंजन थे। इसके साथ ही प्रति इंजन निर्माण पर पंद्रह से सोलह करोड़ रुपये की लागत आई है। इससे पहले चौदह करोड़ रुपये में इंजन तैयार हो रहे थे।

सत्तर से इंजन नंबर सीरीज

रेलवे ने डेढ़ सदी बाद नंबर सीरीज भी बदली है। पैसेंजर ट्रेनों के डीजल इंजन चालीस और मालगाड़ी के बारह अंक से शुरू हो रहे थे। मगर नया रेल इंजन सत्तर अंक की सीरीज से शुरू किया गया है।

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दुर्घटना रहित रेल इंजन तैयार हुआ है। डीजल शेड में नए इंजन का परीक्षण होने के बाद मेंटीनेंस किया जाएगा। इसमें एडवांस टेक्नोलॉजी है। रेलवे को काफी लाभ होगा।

-राजेंद्र सिंह, पीआरओ, इज्जतनगर