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फ्लैग :: इज्जतनगर मंडल की खाली 19 हजार बीघा जमीन पर होगी खेती

By Edited By: Updated: Thu, 07 Aug 2014 02:01 PM (IST)
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साजिद रजा खां, बरेली

रेलवे की खाली पड़ी हजारों बीघा बेशकीमती जमीन विभाग के जरूरतमंद कर्मचारियों को मालामाल करेगी। बजट में की गई घोषणा पर अमल करते हुए देश भर के सभी 54 रेल मंडल की भूमि पर 'ग्रो मोर फूड योजना' पर अमल शुरू कर दिया गया है। जल्द ही नौकरी के साथ ही गैंगमैन, गेटमैन, एससी, एसटी, ओबीसी और आर्थिक तौर पर कमजोर कर्मचारी अपनी आय का जरिया बढ़ाने के लिए इस जमीन को आवंटित कराकर खेती करा सकेंगे। इज्जतनगर मंडल में करीब 19 हजार बीघा जमीन को उपयोग में लाया जा सकेगा।

पिछले दिनों रेलवे बोर्ड चेयरमैन अनिरुद्ध कुमार ने सभी रेल मंडल से रेल लाइन किनारे की खाली भूमि का ब्योरा तलब किया था। आंकड़े जुटे तो पता चला कि पूरे देश में 4.32 लाख हेक्टेयर, तो वहीं इज्जतनगर रेल मंडल में 19 हजार बीघा रेलवे की खाली जमीन बेकार पड़ी है। उस पर अवैध कब्जे हो रहे हैं। चेयरमैन ने भूमि की जानकारी मिलने के बाद उसके उपयोग के निर्देश भी तुरंत जारी कर दिए। कहा गया है कि खाली पड़ी जमीन का उपयोग रेलकर्मियों के हित में ही होगा।

कैसे मिलेगी जमीन

यह जमीन पर गैंगमैन, गेटमैन, एससी, एसटी, ओबीसी और आर्थिक तौर पर कमजोर कर्मचारियों को एक रुपये प्रति वर्ग मीटर या स्थानीय राजस्व रेट में से जो अधिक होगा, उस पर उपलब्ध कराई जाए। खेती के लिए दी जाने वाली जमीन का एग्रीमेंट फिलहाल एक साल का होगा। इसके बाद दो साल का रिन्युवल वर्तमान घोषित रेट पर किया जाएगा। शर्त यह होगी कि भूमि देने के दौरान कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति में पांच साल कम से कम बचे हों।

कैसे होगी खेती

योजना के मुताबिक, जमीन लेने वाले कर्मचारी फसल की सिंचाई व्यवस्था खुद करेंगे। साथ ही रेल पटरी की ओर कोई बड़ा पेड़ एवं ऊंचाई की फसल नहीं करेंगे, जो ट्रेन संचालन को खतरा बने। बता दें, इज्जतनगर रेल मंडल की 1030.13 किमी लंबी रेल लाइन है।

घटेंगे कब्जे, बढ़ेगी ग्रीन बेल्ट

रेल लाइनों के किनारे की खाली भूमि पर कब्जे बढ़ रहे हैं। रेलवे भूमि को कब्जा मुक्त करने के प्रयास में बाउंड्रीवॉल कर रहा है, मगर राहत नहीं है। इस फैसले से कब्जे कम होने के साथ ही ग्रीन बेल्ट में इजाफा होगा।

वर्जन-------

रेल कर्मचारियों को ग्रो मोर फूड योजना के तहत रेल लाइन किनारे की भूमि फसल को दी जाएगी। खाली भूमि की जानकारी कर कर्मचारियों की तलाश शुरू कर दी गई है।

-राजेंद्र सिंह, जनसंपर्क अधिकारी

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