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फर्जी रेल पास की तलाश में सीआइबी का छापा

By Edited By: Updated: Sat, 26 Oct 2013 01:06 AM (IST)
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जागरण संवाददाता, बरेली : जंक्शन पर फर्जी रेल पास बनने का खुलासा होने के बाद मुरादाबाद की सीआइबी टीम ने ताबड़तोड़ छापेमारी की। डीआरएम के निर्देश पर हुई इस कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है। टीम ने प्लेटफार्म-आरक्षण केंद्र में जांच पड़ताल कर तत्काल टिकट कराने वाले संदिग्धों को हिरासत में लिया।

जंक्शन के एक रेल अफसर ने अवैध वेंडर और पार्सल ढोने वाले पोर्टर को जुलाई में स्थानीय प्रेस से फर्जी रेल पास छपवाकर जुलाई में बांटे थे। रेलवेलोगो लगे ये पास रेल मुख्यालय से आते है। इसके बाद लाइसेंस धारक वेंडर और पोर्टर से 380 रुपये प्रति पास का निर्धारित शुल्क वसूल कर वितरण किया जाता है, मगर स्टेशन अधीक्षक आदिल जिया सिद्दीकी की मुहर और हस्ताक्षर से 20 जुलाई 2013 से 19 जुलाई 2014 तक जारी पास का निर्धारित शुल्क विभाग के राजस्व में जमा नहीं हुआ है। यह खुलासा विजलेंस टीम की जांच में हुआ था। इसको लेकर शुक्रवार सुबह मुरादाबाद रेल मंडल के डीआरएम सुधीर अग्रवाल के निर्देश पर आरपीएफ के सीनियर कमांडेंट ने क्राइम इंटेलीजेंस ब्यूरो (सीआइबी) की टीम फर्जी रेल पास की तलाश में भेजी। टीम ने चेकिंग कर वेंडरों पर फर्जी रेल पास तलाश किए, लेकिन पास नहीं मिले। इसके बाद आरक्षण केंद्र पर जांच-पड़ताल की। इसमें तत्काल टिकट कराने वाले दो संदिग्धों को हिरासत में लिया, मगर जांच में कोई साक्ष्य न मिलने पर उनको आरपीएफ थाने से छोड़ दिया गया। इसके बाद दोपहर में तीन सदस्यीय टीम मुरादाबाद वापस चली गई है।

सीनियर डीसीएम कराएंगे जांच: डीआरएम

डीआरएम सुधीर अग्रवाल ने बताया कि सीनियर डीसीएम मनोज शर्मा को जांच कराने के लिए कहा है। मामला कामर्शियल विभाग का है। इस कारण सीनियर डीसीएम टीम बनाकर जांच कराएंगे। इसके साथ ही विजिलेंस टीम की रिपोर्ट आने के बाद आरोपी अफसर के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी।

स्टेशन अधीक्षक ने रद किए पास

स्टेशन पर लगभग 500 अवैध वेंडर और पोर्टर को फर्जी रेल पास जुलाई में बांटे गए थे। विजिलेंस टीम के छापे में फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद स्टेशन अधीक्षक ने सभी पास रद कर दिए। इसके साथ ही सभी अवैध वेंडर-पोर्टर को पास न रखने का गोपनीय मैसेज शुक्रवार सुबह में कर दिया गया। इससे पासों के साथ-साथ अवैध वेंडर-पोर्टर भी जंक्शन पर नहीं दिखे।

इन सवालों के नहीं जवाब

-रेलवे लोगो के पास बाजार में क्यों छपवाए गए।

-विभागीय सीरियल नंबर न होने के कारण निर्धारित शुल्क भी नहीं हुआ जमा।

-अगर पास सहीं थे, तो जांच में खुलासा होने पर रद क्यों किए गए।

-रेल मंडल के अफसरों को क्यों नहीं दी जानकारी।

वर्जन ----

रेल मुख्यालय से पास नहीं आए थे। इस कारण बाजार से छपवाकर बांट दिए, लेकिन इनको कैंसिल कर दिया है। बाहर हूं, बाकी मामला आने के बाद देखूंगा।

आदिल जिया सिद्दीकी, स्टेशन अधीक्षक, बरेली जंक्शन

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