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दफ्तरों में यौन उत्पीड़न रोकने को बनेगी कमेटी : श्रमायुक्त

By Edited By: Updated: Fri, 24 Jan 2014 10:59 PM (IST)
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जागरण संवाददाता, बरेली: सरकारी या गैर सरकारी विभागों के दफ्तरों में यौन उत्पीड़न रोकने को कमेटी बनाई जाएगी। समिति में आधी संख्या महिला सदस्यों की होगी। ंवर्ष 2013 में बने इस एक्ट को लागू किया जा रहा है। इस बाबत सूबे में सभी विभागों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

रीजनल समीक्षा बैठक के लिए आई श्रमायुक्त शालिनी प्रसाद ने ये जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 में द सेक्सुअल हरेसमेंट ऑफ वूमेन एट वर्क प्लेस एक्ट बना था। इसे अब लागू कर दिया गया है। दस से अधिक स्टाफ वाले दफ्तरों में आंतरिक शिकायत समिति बनाई जाएगी। इस समिति में आधी संख्या महिलाओं की होगी। एक समिति जिला स्तर पर भी बनेगी। वहां दस से कम कर्मचारियों के स्टाफ की शिकायत दर्ज होगी। नियोक्ता के खिलाफ शिकायत भी इसी समिति में दर्ज होगी। श्रम आयुक्त ने साइकिल सहायता योजना के अंतर्गत 112 श्रमिकों को साइकिल बांटी। इस दौरान उप श्रम आयुक्त एमएल चौधरी समेत अन्य अधिकारी और यूनियन के पदाधिकारी मौजूद रहे।

समिति में ये होंगे शामिल

-एक महिला पीठासीन अधिकारी जो कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों में उच्च पद पर तैनात हो

-कार्यालय कर्मचारियों में से दो ऐसे सदस्य जो महिलाओं से संबंधित विषय पर समर्पित हो। जिन्हें समाज कार्य और कानून की भी जानकारी हो।

-गैर सरकारी संगठन का एक सदस्य जो महिलाओं से संबंधित विषय पर समर्पित हो।

श्रमिकों के बच्चों की पालना गृह योजना जल्द

श्रम विभाग की ओर से जल्द श्रमिकों के बच्चों के लिए पालना गृह योजना शुरू होगी। यह जानकारी श्रमायुक्त शालिनी प्रसाद ने दी। उन्होंने बताया कि राज्य स्तर पर बनी कमेटी इस पर नजर रखेगी। कामकाजी महिलाओं के बच्चों की देखभाल, मिड डे मील आदि की सुविधा दी जाएगी।

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