सावधान! सक्रिय हैं एटीएम ठग
By Edited By: Updated: Tue, 14 Jan 2014 01:45 AM (IST)
जागरण संवाददाता, बरेली : एटीएम कार्ड का कोड बंद होने की बात कहकर जालसाजों ने दो सरकारी कर्मचारियों से पहले तो उनके खाते के बारे में जानकारी ली फिर पलक झपकते ही उनके खातों से हजारों रुपये निकाल लिए। इसकी जानकारी होते ही पीड़ितों ने अपने बैंक खाते बंद कराए और साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई।
शांतिपुरम, संजयनगर निवासी सत्यवीर सिंह पीडब्लूडी में वरिष्ठ सहायक हैं। उन्होंने बताया कि एकता नगर स्थित एसबीआइ शाखा में उनका खाता है। रविवार दोपहर उनके पास एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को बैंक ऑफ इंडिया का बताया। उसने कहा कि आपके एटीएम कार्ड की वैधता आज खत्म हो रही है, आप तुरंत इसका नवीनीकरण कराएं। इसके बाद फोन करने वाले ने उनसे खाता संख्या, एटीएम व पिन नंबर मांगा। इसके बाद फोन करने वाले ने उनसे आधे घंटे के लिए अपना फोन बंद करने के लिए कहा। कुछ देर बाद उन्हें दो मैसेज मिले। जिसके माध्यम से उन्हें पता चला कि उनके खाते से दो बार में 3500-3500 रुपये निकाले गए हैं। इसके बाद सत्यवीर ने तुरंत बैंक में सूचना दी। जिस पर बैंक अधिकारियों ने उनसे अपने खाते के बैलेंस को निकालने के लिए कहा और उन्होंने ऐसा ही किया। सत्यवीर ने बताया कि इसके बाद फिर से जालसाज का फोन आया और उसने कहा कि तुमने अपना बैलेंस क्यों निकाल लिया। यह सुनकर वह दंग रह गए। इसके बाद कॉल करने वाले ने फोन काट दिया। इसी तरह रामपुर बाग निवासी विनोद कुमार यादव हाईडिल में लेखाकार हैं। उन्होंने बताया कि सोमवार करीब तीन बजे उनके पास एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने कहा कि वह बैंक ऑफ बड़ौदा के मुंबई हेडक्वार्टर से बोल रहा हूं। उसने कहा कि आपका एटीएम बंद हो गया है। आप अपने एटीएम कार्ड के पीछे का कोड नंबर बताएं, तो मैं आपका कोड सही कर दूंगा। इस पर विनोद ने कोड बता दिया लेकिन उन्हें शक हो गया। इसके बाद जब विनोद बैंक गए तो पता चला कि उनके खाते से 5 हजार रुपये निकल चुके हैं। उन्होंने तुरंत ही अपना खाता बंद करा दिया। ------
शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए संबंधित थानों में एफआइआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। जिन नंबरों से कॉल आई है, उन्हें ट्रेस किया जाएगा। -डॉ.एसपी सिंह, एसपी क्राइम
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।