एफएसडी के बोझ से बच रहे हैं ट्रेन चालक
जागरण संवाददाता, बरेली: कोहरे में ट्रेनें अपनी रफ्तार से दौड़ें, इसके लिए रेलवे ने पिछले दिनों सभी स्टेशन की लोको लॉबी में फॉग सेफ डिवाइस (एफएसडी) भेजी थी। मगर लोको पायलट (ट्रेन चालक) एफएसडी के बोझ से बचने लगे हैं। इसी कारण ट्रेनों की रफ्तार भी धीमी पड़ रही है, जो यात्रियों के साथ-साथ रेलवे के लिए भी सिरदर्द बनने लगी है। मुरादाबाद रेल मंडल के सीनियर डीएमई संदीप कुमार ने बिना एफएसडी ट्रेन संचालन पर कार्रवाई की हिदायत दी है। इसको लेकर सभी लोको लॉबी में पत्र भेजे गए हैं। रेलवे ने एफएसडी में सभी रेलखंड की स्टेशन, क्रॉसिंग, सिग्नल, मानव रहित क्रॉसिंग और कॉशन की फीडिंग की गई है। इनके आने से पहले ही एफएसडी ट्रेन चालक को लोकेशन बताती है। इसी को लेकर बरेली जंक्शन की लोको लॉबी में चालीस से अधिक भेजी गई थी। मगर अधिकांश चालकों के आदत में शामिल नहीं हो पा रही है। इसी कारण कोहरे में ट्रेन फंसकर लेट हो रही है। रेलवे ने पहले सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेनों को एफएसडी दी थी, लेकिन बाद में मेल-पैसेंजर को भी शामिल कर लिया था। लोको लॉबी से एफएसडी लेने के बाद चालकों को रजिस्टर पर रिसीव करनी पड़ती है, तो वहीं उसके खोने पर जवाबदेही रखी गई है। इन्हीं कारणों से चालक इससे बच रहे हैं।
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