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14 करोड़ की परियोजना, 17 करोड़ खर्च

By Edited By: Updated: Sat, 14 Sep 2013 09:08 PM (IST)
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ज्ञानपुर (भदोही) : रिवाइज स्टीमेट (संशोधित प्राक्कलन) के खेल में विभाग फेल होता दिख रहा है तो निर्माण एजेंसियां मालामाल होती जा रही हैं। जिला अस्पताल के निर्माण के लिए बनी 14 करोड़ की परियोजना पर 17 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। निर्माण एजेंसी ने फिर से 15 करोड़ रुपये की मांग की है। चालीस से अधिक सरकारी भवनों का निर्माण अधर में लटका हुआ है।

कार्यदायी संस्थाओं की पहुंच ऊंचे स्तर तक होती है चाहे वह बजट स्वीकृत कराना हो या फिर किसी बड़े परियोजना का आवंटन। एजेंसियां जो चाहती हैं वह कर बैठती हैं। विभाग सब कुछ जानते हुए भी अंजान बना रहता है। वित्तीय वर्ष 2007-08 में जिला चिकित्सालय के निर्माण के लिए 14 करोड़ 15 लाख रुपये की परियोजना बनाई गई थी। एक निर्धारित समय के अंदर निर्माण पूरा होना था। निर्माण कराने की जिम्मेदारी राजकीय निर्माण निगम को दी गई थी। पांच वर्ष से अधिक का समय बीत गया लेकिन अभी तक काम पूरा नहीं हो सका। इस बीच कितने अधिकारी आए और चले गए। कितने बार कार्रवाई की गई लेकिन निर्माण एजेंसी के सेहत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। खास बात तो यह है शासन से जो धनराशि मिली थी वह एजेंसी को कम पड़ गई। एजेंसी के अधिकारियों ने 15 करोड़ रुपये का रिवाइज स्टीमेट बनाकर शासन को भेजा। इसमें तीन करोड़ मिल भी गया। इस प्रकार जिला चिकित्सालय के निर्माण पर 17 करोड़ रुपये खर्च होना ताया जा रहा है लेकिन छत तक काम नहीं पहुंच सका। प्रमुख सचिव आलोक कुमार प्रथम ने भी इसे गंभीरता से लिया। उन्होने इस बात को स्वीकार किया कि निर्माण एजेंसी ने जितनी धनराशि खर्च होना बता रही है उतना खर्च नहीं किया गया है। इसके अलावा ओपीडी बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक करोड़ 72 लाख रुपये अग्रिम भुगतान कर दिया लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हो सका है। तहसील भवन ज्ञानपुर का भी निर्माण अधर में लटका हुआ है। बताया जा रहा है कि कार्यदायी संस्था पैक्सफैड के अधिकारियों ने इसके निर्माण में धन की कमी बताकर रिवाइज स्टीमेट भेजा है। इस प्रकार करीब चालीस परियोजनाओं का निर्माण अधर में लटका हुआ है। निर्माण एजेंसियों के अधिकारी रिवाइज स्टीमेट से लाल होते जा रहे हैं।

अधर में लटकी परियोजनाएं

राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय, तहसील भवन ज्ञानपुर, जिला सैनिक कल्याण एवं पुर्नवास कार्यालय, जिला संयुक्त चिकित्सालय उच्चीकरण, जनपद न्यायालय भवन, पालीटेक्निक कालेज, राजकीय माडल स्कूल, सौ बेड का जिला चिकित्सालय, क्षय रोग रूजालय, बर्न यूनिट, कांशीराम शहरी आवास योजना तृतीय फेज, आईटीआई भवन आदि परियोजनाओं का निर्माण अधर में लटका हुआ है।

वर्जन..

अधर में लटकी परियोजनाओं को प्रमुख सचिव ने गंभीरता से लिया है। अगले माह वह फिर जिले में आएंगे। काम पूरा नहीं हुआ तो कार्यदायी संस्थाओं पर कार्रवाई होगी।

- डा. जुबैर अहमद, मुख्य चिकित्साधिकारी

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