Move to Jagran APP

प्लेटफार्म पर खड़ी मालगाड़ी बंदकर देती गांवों का निकास

नगीना: नगीना रेलवे स्टेशन पर खड़ी होने वाली मालगाड़ी नजदीक के कालाखेड़ी रेलवे क्रा¨सग तक

By JagranEdited By: Updated: Mon, 27 Nov 2017 09:52 PM (IST)
प्लेटफार्म पर खड़ी मालगाड़ी बंदकर देती गांवों का निकास

नगीना: नगीना रेलवे स्टेशन पर खड़ी होने वाली मालगाड़ी नजदीक के कालाखेड़ी रेलवे क्रा¨सग तक पहुंच जाती है। रेलवे फाटक बंद होने से आजादनगर कालोनी सहित क्षेत्र के करीब दर्जनभर गांवों की आवाजाही का रास्ता बंद हो जाता है। आमजन और छात्र-छात्राएं जान जोखिम में डालकर खड़ी मालगाड़ी के नीचे से निकलकर लाइन पार करने को मजबूर हैं। कई बार लोग दुर्घटनाओं का शिकार भी हो चुके हैं। क्षेत्रवासी अनेकों बार यहां ओवरब्रिज बनवाने की मांग कर चुके हैं लेकिन आज तक किसी ने ध्यान नहीं दिया।

नगर में रेलवे स्टेशन के एकदम नजदीक कालाखेड़ी वाले रेलवे क्रा¨सग है। क्रा¨सग नजदीक और मालगाड़ी लंबी होने के कारण रेलवे स्टेशन पर खड़ी होने वाली मालगाड़ी रेलवे क्रा¨सग तक पहुंच जाती है। स्टेशन पर अकसर मालगाड़ियां आकर खड़ी हो जाती है। जितने दिन मालगाड़ी प्लेटफार्म पर खड़ी रहती है उतने दिन फाटक बंद रहता है। कई बार तो तीन-तीन दिन तक फाटक बंद रहा है। दरअसल, इस रेलवे क्रा¨सग से ही नगर की आजाद कालोनी सहित क्षेत्र के कालाखेड़ी, किरतपुर, हरगॉव, पटपड़ा, गॉवड़ी, धींवरहेड़ी समेत लगभग दर्जन भर गॉवों की आवाजाही का मार्ग है। मालगाड़ी खड़ी होने से लोग नीचे से आवाजाही करते हैं, जिससे खतरा बना रहता है। नगर में ओवरब्रिज की सुविधा न होने के कारण आमजन व स्कूली छात्र-छात्राएं मालगाड़ी के नीचे से होकर लाइनपार करते हैं या 5 से 6 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय कर नगर में पहुंचते हैं।

बोले, अधिकारी..

नगीना रेलवे स्टेशन मास्टर मनवीर ¨सह ने बताया कि आगे लाइन क्लीयर न होने तक मालगाड़ी खड़ी करनी पड़ती है। कई बार 12 घंटे की ड्यूटी पूरी कर आगे गाड़ी ले जाने के लिए चालक के तैयार नहीं होने पर भी मालगाड़ी को लूप लाइन में खड़ी करनी मजबूरी है। गाड़ियां लंबी होने के कारण प्लेटफॉर्म से आगे रेलवे क्रा¨सग तक पहुंचती है। वहां पर तैनात रेलवे का गेटमैन लोगों को मालगाड़ी के नीचे से निकलने को बहुत रोकता है। लेकिन इस भाग दौड़ भरी ¨जदगी में गेटमैन की भी कोई नहीं सुनता है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।