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विधायक मनोज पारस की गिरफ्तारी को घेराबंदी, स्टे देख लौटी पुलिस

नगीना (बिजनौर) : उत्तराखंड के ऋषिकेश से 2013 में हुए जिला पंचायत सदस्यों के अपहरण के माम

By JagranEdited By: Updated: Mon, 07 Aug 2017 11:05 PM (IST)
विधायक मनोज पारस की गिरफ्तारी को घेराबंदी, स्टे देख लौटी पुलिस

नगीना (बिजनौर) : उत्तराखंड के ऋषिकेश से 2013 में हुए जिला पंचायत सदस्यों के अपहरण के मामले में सपा विधायक मनोज पारस की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने घेराबंदी की। गहमा-गहमी के बाद कोर्ट का स्थगन आदेश देखने के बाद पुलिस बैरंग लौट गई।

ऋषिकेश के थाना लक्ष्मण झूला में 2013 में जिला पंचायत सदस्यों के अपहरण के मामले में नामजद विधायक मनोज पारस को गिरफ्तार करने के लिए सोमवार शाम बिजनौर पुलिस भारी फोर्स के साथ उनके आवास पर पहुंच गई। भनक लगते ही काफी समर्थक आवास पर पहुंच गए और हंगामा शुरू कर दिया। विधायक मनोज पारस ने पुलिस को कोर्ट का स्थगन आदेश दिखाया। बिजनौर पुलिस ने सीओ कोटद्वार को आदेश के बारे में बताया। इसके बाद पुलिस बिना गिरफ्तारी के लौट गई। अपहरण के इस मामले में कोर्ट से दस सपा नेताओं के खिलाफ वारंट जारी हो चुका है। पूर्व मंत्री मूलचंद चौहान समेत नौ आरोपी जमानत करा चुके हैं।

विधायक मनोज पारस ने बताया कि विरोधी पक्ष उन्हें फंसाने के लिए साजिश रचता रहता है। इस मामले में 1 अगस्त 2017 को उनके वारंट हुए थे और 3 अगस्त को उन्हे कोर्ट से स्थगन आदेश प्राप्त हो गया था। एसपी देहात दिनेश कुमार का कहना है कि विधायक ने स्टे आदेश दिखाया है।

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