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मंदिर पर बवाल में 532 के खिलाफ एफआइआर

जागरण संवाददाता, एटा: मिरहची क्षेत्र के गांव चाठी में प्रशासन द्वारा मंदिर ढहाने के बाद हुए बवाल को

By Edited By: Updated: Mon, 02 Mar 2015 09:05 PM (IST)
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जागरण संवाददाता, एटा: मिरहची क्षेत्र के गांव चाठी में प्रशासन द्वारा मंदिर ढहाने के बाद हुए बवाल को लेकर तीन दर्जन नामजदों समेत 532 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई है। इनकी गिरफ्तारी के लिए दबिशें दी जा रही हैं। एहतियात के तौर पर घटना स्थल पर भारी फोर्स तैनात कर दिया गया है।

एटा-कासगंज मार्ग पर गांव चाठी में हनुमान मंदिर के निर्माण वाली जगह को अवैध बताते हुए रविवार शाम मंदिर को ढहा दिया गया था। इस घटना की ग्रामीणों में जबरदस्त प्रतिक्रिया हुई थी। कई गांवों के लोग सड़कों पर उतर आए थे और जाम लगा दिया था, जो कई घंटे चला था। पुलिस ने जमकर लाठियां भांजने पर ग्रामीणों ने पथराव भी किया। एक-दो पुलिस कर्मियों के चोटें भी आई थीं। देर शाम जब पुलिस ने पूरी ताकत झोंकी, तभी हालात काबू में आ सके।

घटना के बाद मिरहची थाने में आसेपुर के महीपाल सिंह को मुख्य आरोपी बनाते हुए तीन दर्जन नामजदों सहित 532 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। टीमों ने सोमवार को आसेपुर, चाठी में दबिश दीं। इस दौरान कोई गिरफ्तार नहीं हो सका। इससे पहले पुलिस ने घटनास्थल से तीन मोटर साइकिलें बरामद की थीं, जिन्हें सीज कर दिया गया है। विवादित स्थल पर पुलिस कैंप कर रही है। सीओ सदर राघवेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करेगी।

इस बीच एसडीएम अजीत कुमार सिंह, एडीशनल एसपी विसर्जन सिंह यादव ने घटना स्थल का जायजा लिया तथा फोर्स को निर्देश दिए कि किसी भी स्थिति में शांति भंग नहीं होनी चाहिए। पुलिस वीडियो फुटेजों से बवालियों को चिन्हित कर रही है। विवादित मंदिर मिरहची थाने से लगभग 200 मीटर दूर है।

पांच साल पुराना है मंदिर

चाठी निवासी तारा देवी, अनौखी देवी, महीपाल सिंह एवं ममता देवी ने बताया कि आठ अक्टूबर 2010 को इस स्थान पर श्री रामचरित मानस का आयोजन किया था। 17 अक्टूबर को भंडारे के साथ हनुमान जी की लगभग चार चार फीट की प्रतिमा स्थापित हुई थी। लोगों में इस बात को लेकर ज्यादा रोष है कि उस समय प्रशासनिक अधिकारियों ने मंदिर निर्माण क्यों नहीं रुकवाया था। जब पांच वर्ष बाद इस मंदिर की मरम्मत का कार्य कराया जा रहा है, तो प्रशासन ने हनुमान जी की मूर्ति हटाकर मंदिर ही ध्वस्त कर दिया।