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परवान न चढ़ सकीं रेलवे परियोजनाएं

By Edited By: Updated: Fri, 04 Jul 2014 07:29 PM (IST)
परवान न चढ़ सकीं रेलवे परियोजनाएं

इटावा, जागरण संवाददाता : वैसे तो इटावा रेलवे स्टेशन आदर्श रेलवे स्टेशन है। पिछले वर्ष रेल बजट में चार महत्वपूर्ण रेल सेवा परियोजनाओं का खाका खींचा गया था परंतु एक भी परियोजना पूरी नहीं हो सकी।

29 साल में इटावा-भिंड परियोजना पूर्ण हुई लेकिन संरक्षा आयुक्त की जांच में अटकी है। आगरा तथा मैनपुरी रेल परियोजना अधर में लटकी है जबकि बीते साल के बजट में घोषित औरैया-जालौन रेल सेवा अभी हवा हवाई ही है। अफसरों को तो स्टेशन आदर्श नजर आता है धरातल पर हकीकत इससे विपरीत ही है।

जनपद में रेलवे सेवा में विस्तार का दौर 1985 में शुरू हुआ। तत्कालीन रेल मंत्री माधवराव सिंधिया ने गुना-भिंड से इटावा के मध्य रेल सेवा परियोजना का शुभारंभ कराया था। पांच नदिया तथा बीहड़ क्षेत्र होने से कार्य की गति धीमी रही, कांग्रेस सरकार जाने के बाद परियोजना ठप हो गई। वर्ष 2000 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने इस परियोजना के साथ अपने पैतृक गांव बटेश्वर बाह होते हुए आगरा रेल सेवा परियोजना जोड़ दी, जिससे कार्य तेजी से शुरू हो गया। वर्ष 2004 में सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने सैफई महोत्सव में तत्कालीन रेलमंत्री नीतीश कुमार से इटावा-मैनपुरी रेल सेवा परियोजना का शुभारंभ तत्कालीन राष्ट्रपति डा.एपीजे अब्दुल कलाम से कराया इसी दौरान मंच से रेल मंत्री ने इटावा रेलवे स्टेशन को आदर्श स्टेशन का दर्जा दिया। यूपीए सरकार आने पर इन योजनाओं के निर्माण कार्य की गति धीमी हो गई। बीती साल यूपीए सरकार ने इटावा से औरैया जालौन तक रेल सेवा परियोजना की घोषणा रेल बजट प्रस्तुत करने के दौरान की थी। सवा साल बीत जाने के बावजूद इस योजना का किसी ने नाम तक नहीं लिया।

ट्रेनों के ठहराव पर भी तवज्जो नहीं

निकट भविष्य में इटावा रेलवे स्टेशन जंक्शन हो जायेगा। दोनों शताब्दी यहां ठहराव करती हैं। इसके बावजूद अजीमाबाद, विक्रमशिला, प्रयागराज, जियारत सहित आधा दर्जन ट्रेनों के ठहराव की मांग अर्से से की जा रही है, परंतु कोई तवज्जो नहीं दी गई।

भिंड सेवा में ज्यादा देर नहीं

उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी नवीन बाबू का कहना है कि रेलवे प्रशासन ने भिंड-इटावा रेल सेवा के निर्माण कार्य को पूर्ण कर लिया है। इसके तहत तीन-चार बार रेलवे इंजन इस ट्रैक पर दौड़ाया जा चुका है। संरक्षा आयुक्त की अनुमति की प्रक्रिया जारी है। इससे उम्मीद है कि इस रेल सेवा के शुरू होने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा।