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रेलवे ट्रैक पर मंडरा रहा है लुटेरों का खतरा

इटावा, जागरण संवाददाता: 25 दिन के अंतराल पर दिल्ली-हावड़ा रेलवे ट्रैक पर बदमाशों द्वारा दूसरी बार सिग

By Edited By: Updated: Tue, 18 Aug 2015 05:42 PM (IST)
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इटावा, जागरण संवाददाता: 25 दिन के अंतराल पर दिल्ली-हावड़ा रेलवे ट्रैक पर बदमाशों द्वारा दूसरी बार सिग्नल ऑफ किए जाने से टूंडला से फफूंद के मध्य डेंजर जोन में लुटेरों का खतरा मंडरा रहा है। उच्चाधिकारियों के कड़े निर्देश के बावजूद आरपीएफ सिग्नल ऑफ करने वालों का कोई सुराग नहीं पा सकी है। वहीं जीआरपी भी इस ओर अभी कोई तवज्जो नहीं दे रही है, इससे खतरा और ज्यादा गहराता जा रहा है।

डेंजर जोन में लुटेरों के गैंग सक्रिय होने की संभावना को सहजता से नकारा नहीं जा सकता है। बीते 21 जुलाई की रात इकदिल में नहर पुल के पास अप ट्रैक पर केबल काटकर सिग्नल ऑफ कर दौड़ रही ट्रेनों को रोक दिया गया। 15 अगस्त की रात जसवंतनगर क्षेत्र में तार काटकर होम सिग्नल ऑफ किया गया। ट्रेनों में चल रहे एस्कॉर्ट की सजगता या अन्य किसी कारण से वारदात घटित न हो सकी हो, लेकिन लगातार दो बार रात के साये में सिग्नल ऑफ किए जाने से रेलवे अफसर सकते में हैं। दोनों घटनाओं में सिग्नल उसी दौरान ऑफ किए गए हैं जब रात के साये में महत्वपूर्ण यात्री ट्रेने गुजरती हैं।

दस माह पूर्व लूटी गई थी ट्रेनें

बीते वर्ष 21 अक्टूबर की रात में अवध एक्सप्रेस तथा उससे दो दिन पूर्व सीमांचल एक्सप्रेस में भरथना क्षेत्र में सिग्नल ऑफ करके लूटपाट की गई थी। जीआरपी ने घटना के पश्चात अनवरत कवायद करके लुटेरों को पकड़कर घटना का खुलासा कर दिया। प्रकाश में आए सभी लुटेरों के पकड़े जाने के बाद जीआरपी शांत हो गई। बीते 25 दिनों में ट्रैक पर फिर से बदमाशों के सक्रिय होने के बावजूद संयुक्त अभियान नहीं चलाया जा रहा है। हर बार जिन घटनाओं का खुलासा हुआ उनमें नवोदित लुटेरे ही शामिल पाए गये है।

सिग्नल ऑफ करने की घटनाओं को गंभीरता से लिया गया है, आरपीएफ सक्रियता से बदमाशों की तलाश में जुटी हुई है। जीआरपी तथा सिविल पुलिस के उच्चाधिकारियों से संपर्क किया जा रहा है और ट्रैक की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं।- सीपी ¨सह, सहायक सुरक्षा आयुक्त रेलवे टूंडला

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