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फैक्ट्री के उत्प्रवाह पर ऑन लाइन मीटर की पैनी नजर

धीरेंद्र मिश्र, साहिबाबाद : फैक्ट्री से निकलने वाले उत्प्रवाह पर पैनी नजर रखने के लिए प्रदूषण बोर्

By Edited By: Updated: Tue, 21 Jul 2015 07:15 PM (IST)
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धीरेंद्र मिश्र, साहिबाबाद :

फैक्ट्री से निकलने वाले उत्प्रवाह पर पैनी नजर रखने के लिए प्रदूषण बोर्ड ऑन लाइन मीटर को अनिवार्य करने की योजना बना रहा है। कुछ फैक्ट्री में तो ऑन लाइन मीटर लगा दिया गया है। आने वाले समय में सभी फैक्ट्री में मीटर लगाया जाने की योजना है। एनजीटी की सख्ती के बाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मीटर लगाने के निर्देश जारी कर दिए हैं। फिलहाल अभी यह मीटर कागज मिलों में लगाया जा रहा है। गाजियाबाद की चार कागज मिलों समेत पांच फैक्ट्री में लगाया गया है।

महानगरों में बढ़ रहे प्रदूषण पर सख्ती से लगाम लगाने के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण यानि एनजीटी ने कई महत्वपूर्ण आदेश प्रदूषण बोर्ड व प्राधिकरणों जारी किए हैं। मगर प्रदूषण बोर्ड व प्राधिकरण आदेश को पूरी तरह से पालन नहीं कर पा रहे हैं। न तो वायु प्रदूषण और न ही जल प्रदूषण में कमी आ रही है, लेकिन केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने गत दिनों कागज मिलों से निकलने वाले उत्प्रवाह पर नजर रखने के लिए ऑन लाइन मीटर लगवाने के निर्देश जारी कर दिए हैं।

चार हजार फैक्टरियां हो रही संचालित :

जिले में करीब चार हजार फैक्टरियां जिले में संचालित हो रही हैं। इनमें अधिकांश फैक्टरियां ऐसी हैं। जिनमें केमिकल व निर्माण का कार्य होता है। इनमें ईटीपी लगी है। फैक्टरी से निकलने वाला उत्प्रवाह ईटीपी में ट्रीट होने के बाद बाहर निकलता है। ईटीपी कितना काम कर रही है। उत्प्रवाह को कितना शोधित कर रही है।

लाइफलाइन होगी स्वस्थ :

जिले की लाइफ लाइन कही जाने वाली हरनंदी पर प्रभाव पड़ेगा। बोर्ड हर पल प्रदूषण पर नजर रखेगा। मीटर बताएगा कि उत्प्रवाह में प्रदूषण की मात्रा कम है या अधिक।

फैक्ट्री में लगाए गए मीटर :

मोहन नगर स्थित कागज मिल, लोनी रोड पर औद्योगिक क्षेत्र में स्थित कागज मिल, अशोका पल्पफैंड पेपर मिलमैग्नम वेंचर फैक्टरी साइट फोर मेरठ रोड स्थित केमो पल्प फैक्टरी में मीटर लगेंगे।

प्रदूषण कम करने के लिए फैक्ट्री में ऑन लाइन मीटर लगवाने की योजना है। प्रथम चरण में कागज मिलों में मीटर लगवाने का आदेश हुआ है। जिले में पांच फैक्ट्री में मीटर लगाने की है। इनमें चार कागज की फैक्टरियां शामिल हैं।

-पारसनाथ, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, गाजियाबाद।

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