सहमे रेल अधिकारी और ठेकेदार
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : सीबीआइ की छापेमारी से पूर्वोत्तर रेलवे निर्माण संगठन से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी ही नहीं, ठेकेदार भी सहमे हुए हैं। असर यह है कि निर्माण संगठन के अधिकारी, इंजीनियर और संबंधित ठेकेदार फोन पर किसी से जरूरी बात करने में भी हिचक रहे हैं। मोबाइल पर सीयूजी नंबर से बात करने में पसीने छूट रहे हैं।
शनिवार को कार्यालय बंद रहा। ऐसे में रेलकर्मियों ने राहत की सांस ली। हालांकि, जरूरी कार्य शनिवार को भी निपटाएं जाते हैं। लेकिन, किसी ने अतिरिक्त कार्य करना जरूरी नहीं समझा। अधिकतर घर पर ही रहे। छुट्टी के बाद भी संबंधित इंजीनियरों की सांसें अटकी रहीं। उन्हें डर सता रहा था कि कहीं कार्यालय से फोन न आ जाए कि सीबीआइ वाले आए हैं। अधिकतर रेलकर्मियों को समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर मामला क्या है। उनसे भी पूछताछ न हो जाए। कहीं उनके घर सीबीआइ न पहुंच जाए। हालांकि, इस मामले में स्टाफ के लोगों से बातचीत करने में कोई गुरेज नहीं कर रहे हैं। विभागीय सूत्रों का कहना है कि छुट्टी के दिन भी कार्य के बहाने अधिकतर इंजीनियर कार्यालय खोल कर बैठे रहते थे। कार्यालय में ही ठेकेदारों व संबंधित लोगों का जमघट होता था। ऐसे में ठेकेदारों ने भी संबंधित दफ्तरों का चक्कर लगाना छोड़ दिया है। उन्हें भी डर लग रहा है कि कहीं सीबीआइ की नजरें उनपर न पड़ जाएं। पूछताछ न होने लगे। जांच के बाद रिजल्ट कुछ भी आए। लेकिन, फिलहाल सीबीआइ छापेमारी ने रेलकर्मियों के माथे पर बल ला दिया है।