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फिल्म अभिनेता आमिर खान ने चार साल से नहीं अदा किया लगान

शाहाबाद (हरदोई) संवाद सहयोगी: फिल्म अभिनेता आमिर खान को इस देश ने न सिर्फ इज्जत, मान, सम्मान और धन

By Edited By: Updated: Tue, 24 Nov 2015 06:40 PM (IST)
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शाहाबाद (हरदोई) संवाद सहयोगी: फिल्म अभिनेता आमिर खान को इस देश ने न सिर्फ इज्जत, मान, सम्मान और धन दिया लेकिन उन्हें अब इस देश में ही खतरा नजर आने लगा। शाहाबाद कस्बे के ही मूल निवासी अपने पैतृक कस्बे का कर्ज तक नहीं उतार सके। भले ही लगान फिल्म में उन्होंने लगान को लेकर लंबी लड़ाई लड़ी हो लेकिन पैतृक भूमि में स्थित खेतों और बागों का लगान आमिर ने अब भी अदा नहीं किया है। राजस्व अभिलेखों में वह लगान के बकाएदार हैं। उपजिलाधिकारी शाहाबाद का कहना है कि फिल्म अभिनेता से लगान वसूली की विधिक कार्रवाई की जाएगी। वहीं अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाले फिल्म अभिनेता आमिर खां के पूर्वजों की जन्म भूमि के वा¨शदे आज भी उनसे सहानुभूति रखते हैं, लेकिन फिल्म अभिनेता द्वारा एक बार भी शाहाबाद न आने का उन्हें आज भी मलाल है।

शाहाबाद कस्बे के अंतिम छोर पर बसे मुहल्ला अख्तियारपुर में फिल्म अभिनेता के दादा जाफर हुसैन खां कभी रहा करते थे। उनके तीन पुत्र वाकर हुसैन, नासिर हुसैन तथा ताहिर हुसैन थे। बताते हैं वर्ष 1948 में फिल्म अभिनेता के चाचा नासिर हुसैन शाहाबाद छोड़ कर मुंबई चले गए और वहां फिल्मी डायरेक्टर के पास सहायक के रूप में भी काफी समय तक कार्य किया। किस्मत ने नासिर हुसैन का साथ दिया और वह खुद फिल्म डायरेक्टर और प्रोडयूसर बन गए और उन्होंने अपनी फिल्मी बनाना शुरू कर दी। नासिर हुसैन ने अपनी पहली फिल्म दिल वही लाया हूं बनाई जो पर्दे पर चल गई। इसके बाद जब प्यार किसी से होता है। बहारों के सपने समेत अनेक फिल्में बनाई। कुछ वर्षों के बाद नासिर हुसैन ने अपने छोटे भाई तथा आमिर के पिता ताहिर हुसैन को भी अपने पास मुंबई बुला लिया। ताहिर हुसैन ने भी अनामिका कारवां समेत कई फिल्में बनाई। नासिर हुसैन ने कयामत से कयामत तक में आमिर खां को लिया गया यह फिल्म पर्दे पर चल गई और यही से आमिर खां की किस्मत चमक गई। इसके बाद आमिर खां ने कभी भी पीछे मुड़ कर नहीं देखा और एक के बाद एक सफलता पाते ही चले गए। मशहूर फिल्म स्टार बन जाने के बाद भी अपने पिता के गृह नगर मुड़ कर नहीं देखा। इसका उनके रिश्तेदारों एवं मुहल्ले के वा¨शदों को मलाल है। आमिर खां और उनके परिजनों के नाम शाहाबाद चक्कात बाहर लगभग एक सौ बीघा भूमि और बाग है। हालांकि पैतृक भूमि को लेकर आमिर खां और इनके भाई फैसल खां के मध्य विवाद भी हो गया था जिसका मुकदमा भी सिविल कोर्ट हरदोई में चला था, फिर दोनों भाइयों के मध्य सुलह हो गई थी। जिसके बाद भूमि का परिवार में आपस में बंटवारा भी हो गया था। जिसके तीन बैनामे एक अप्रैल 2009 को तहसील शाहाबाद में किए गए थे। पहला बैनामा परिजनों द्वारा निकहत खान हेगड़े ट्रस्ट के नाम किया गया था। जिसकी कर्ताधर्ता आमिर की बहन निगहत खान स्वयं है। यह बैनामा 6.229 हेक्टेयर यानी लगभग 74 बीघा का किया गया था। इसी तरह दूसरा बैनामा भी फिल्म अभिनेता आमिर खान के नाम 0.797 हेक्टेयर का परिजनों द्वारा किया गया। तीसरा बैनामा आमिर खान के भाई फैसल खान के पक्ष में भी परिजनों द्वारा 0.145 हेक्टेयर का किया गया। बैनामा तो हो गया लेकिन चार साल हो गए और सरकारी बकाया जमा नहीं कराया गया है। शाहाबाद तहसील के अभिलेखों के अनुसार आमिर खान पर 157 रुपया 60 पैसा का लगान बकाया है। इसी तरह इनके भाइ बहन पर भी 38 रुपये और 28 रुपये बकाया है जो पिछले चार वर्षों का है। पिछले चार वर्षों से लगान का एक पैसा भी इन लोगों द्वारा जमा नहीं किया गया है। उप जिलाधिकारी शाहाबाद डा. अशोक कुमार शुक्ला ने बताया कि आमिर खान पुत्र ताहिर खान निवासी फ्लैट नंबर पांच, मरीन अपार्टमेंट, बांद्रा मुंबई बेस्ट पर चार साल का लगान बकाया है। एसडीएम डा. शुक्ला कहते हैं कि लगान बकाया की विधिवत कार्रवाई की जाएगी। जिसके लिए उनके आवास पर उपस्थिति पत्रक चश्पा कराया जाएगा। वहीं दूसरी तरफ देखा जाए तो फिल्म अभिनेता और परिजनों की भूमि की देखरेख मुहल्ला दिलावरपुर निवासी हफीज करते हैं। वाकर हुसैन, नासिर हुसैन और ताहिर हुसैन की मौत हो चुकी है। फिल्म अभिनेता का पैतृक मकान अब खंडहर के रूप में तब्दील हो चुका है। जिसमें सुल्ताना नाम की एक महिला रहती है।

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