Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

'लव जिहाद' के जाल में फंसने से बच गई

संवाद सहयोगी, हाथरस : मंगलवार को सिकंदराराऊ तहसील में 25 वर्षीय महिला 'लव जिहाद' के झांसे में फंस

By Edited By: Updated: Wed, 01 Oct 2014 12:58 AM (IST)
Hero Image

संवाद सहयोगी, हाथरस : मंगलवार को सिकंदराराऊ तहसील में 25 वर्षीय महिला 'लव जिहाद' के झांसे में फंसने से बाल-बाल बच गई। युवा अधिवक्ताओं ने न सिर्फ इसका खुलासा किया बल्कि दूसरे समुदाय के तीन युवकों को पकड़कर उपजिलाधिकारी के हवाले कर दिया जिन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया। अधिवक्ताओं ने उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

जानकारी के अनुसार ताहिर निवासी मोहल्ला दमदमा (सिकंदराराऊ) अपने रिश्तेदार निजामुद्दीन खां (65) एवं समीर निवासीगण पिलुआ जनपद एटा के साथ मंगलवार को तहसील परिसर में दोपहर 3 बजे के समय आया। उनके साथ नीलम निवासी गांव मुन्नी गोरखपुर, छपरा (बिहार) नामक महिला भी थी। उसकी गोद में 5 माह का शिशु था। ताहिर अपने रिश्तेदार के साथ उसका विवाह कराना चाहता था। उसने अधिवक्ताओं से सलाह मसवरा किया। मामला सुनकर अधिवक्ता हैरान रह गए, क्योंकि नाम से ही जाहिर हो गया कि मामला दो समुदायों से जुड़ा है। इस मामले को युवा अधिवक्ताओं ने उपजिलाधिकारी एनपी पाण्डेय के समक्ष रखा और तीनों युवकों व महिला को लेकर एसडीएम के चेम्बर में पहुंच गए। पूरा प्रकरण सुनने के बाद एसडीएम ने प्रभारी कोतवाल एसपी सिंह सूचना दी तो वह युवकों को कोतवाली ले आए। हिंदू महिला को उपजिलाधिकारी ने अपने चेम्बर बिठा लिया तथा महिला पुलिस बुलाने के निर्देश दिए। बाद में उसे महिला पुलिस के हवाले कर दिया गया।

बेबशी पर सितम

अपने पति की मौत हो जाने एवं ससुराली जनों द्वारा प्रताडि़त करने पर बेबश नीलम छपरा छोड़कर अपने तीनों बच्चों के साथ दिल्ली जा रही ट्रेन में बैठकर काम की तलाश में आई थी। उसे सैरिन निवासी पिलुआ दिल्ली के स्टेशन पर मिल गई। महिला ने उससे मदद की गुहार की, जिस पर वह महिला को यह कहकर अपने साथ ले आई कि वह उसका विवाह करा देगी और उसे काम दिला देगी। इस झांसे में आकर वह उसके साथ पिलुआ चली आई, जहां चार दिन रही।

इस तरह फंसाया जाल में

नीलम ने बताया कि वह पिलुआ में चार दिन तक रही। मददगार महिला ने स्वयं को बिहार का बताया। साथ ही उसे विभिन्न प्रलोभन भी दिए और दूसरे समुदाय के अनुरूप व रीति के बारे में भी बताया। फिर उसका विवाह कराने के लिए सिकंदराराऊ में अपने रिश्तेदार के यहां मोहल्ला दमदमा ले आई।

तीन बच्चे कैसे पाले

बेबश नीलम के पास तीन बच्चे हैं जिनमें सबसे बड़ा पांच वर्ष का राकेश और 3 वर्ष का मुकेश है तथा एक नवजात शिशु है। नीलम के पति लाखन की मौत कुछ समय पूर्व बिहार में हो गई थी, जहां वह मजदूरी करता था। काम की तलाश में दिल्ली चली और नई मुसीबत में फंसने से बची। अब उसके सामने तीन बच्चों को पालने की समस्या आ खड़ी हुई है।

घंटे भर बाद आयी पुलिस

दो समुदायों से जुड़े इस मामले को लेकर एसडीएम खासे चिंतित थे। कोई बड़ा हंगामा न हो इसके लिए उन्होंने प्रभारी कोतवाल एसपी सिंह यादव को फोन लगाकर सूचना दी कि वह तुरंत तहसील आए लेकिन वह सूचना के एक घंटे बाद तहसील पहुंचे। ऐसे गंभीर मामलों में पुलिस की लापरवाही देखकर उपजिलाधिकारी भी हैरान हो गये।

सीओ ने नहीं उठाया फोन

सूचना देने पर जब एसओ कापी देर नहीं आए तो एसडीएम ने सीओ को फोन लगाया लेकिन उन्होंने भी फोन नहीं उठाया।

डीएम को बताया

पुलिस व सीओ की कार्यप्रणाली को देखकर एसडीएम हतप्रभ रह गये तो उन्होंने हार कर डीएम को फोन लगाया और इस पूरी घटना से अवगत कराया। वहीं सीओ एवं पुलिस की कार्यप्रणाली से भी अवगत कराया।

इनका कहना है

यह मामला दो समुदायों से जुड़ा हुआ है। तीनों लोगों को पुलिस के हवाले कर दिया है। प्रशासन इस मामले में सख्त कार्रवाई करेगा जिससे समाज में सही संदेश जा सके।

एनपी पाण्डेय एसडीएम सिकंदराराऊ

------------

तीनों युवक हिरासत में है। महिला को महिला पुलिस के हवाले कर दिया गया है। पुलिस इस मामले में समुचित कार्रवाई कर रही है।

एसपी सिंह प्रभारी कोतवाल सिकंदाराऊ, हाथरस।