मातृ मृत्युदर बढ़ने की मुख्य वजह है एनीमिया
By Edited By: Updated: Mon, 15 Jul 2013 12:30 AM (IST)
कानपुर, नगर संवाददाता : दो बच्चों के बीच कम अंतर होने से महिलाओं में एनीमिया की समस्या बढ़ी है। मातृ मृत्युदर बढ़ने का कारण भी यही है। यह बातें डॉ. एके त्रिपाठी विभागाध्यक्ष हिमेटोलॉजी विभाग केजीएमसी लखनऊ ने रविवार को आईएमए एवं गायनी एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में एनीमिया एवं पीएनडीअी एक्ट पर आयोजित गोष्ठी में कही।
उन्होंने कहा कि एनीमिया के इलाज से पहले इसका सही डायग्नोसिस एवं टाइप जानना महत्वपूर्ण है। नए शोधों के बाद एनीमिया का इलाज आसान हो गया है। इससे मृत्युदर में कमी आएगी। वहीं अहमदाबाद से आए डॉ. एमसी पटेल, चेयर पर्सन एथिक्स एंड मेडिको लीगल कमेटी फाक्सी ने कहा कि लिंग भेद की वजह से समाज में बुराइयां बढ़ीं हैं। इसमें महिलाओं पर होने वाली हिंसा सबसे प्रमुख है। पीएनडीटी एक्ट में डॉक्टरों को कटघरे में खड़ा किया जाता है, जबकि मरीज एवं उसके रिश्तेदारों पर कार्रवाई नहीं होती है। इसके खिलाफ सबको मिलकर लड़ना होगा। वहीं सुप्रीमकोर्ट के अधिवक्ता संदीप कपूर ने बताया कि अस्पताल का रजिस्ट्रेशन जरूर करवाएं। सोनोग्राफी से पहले फार्म एफ पूर्णरूप से भरा जाए। इससे पहले कार्यक्रम का उद्घाटन आईएमए अध्यक्ष डॉ. अलका शर्मा, मुख्य अतिथि जिलाधिकारी समीर वर्मा एवं सीएमओ डॉ. आरपी यादव ने किया। डॉ. किरन पांडेय ने कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। अंत में पैनल डिस्कशन में डॉ. आइजेके सोनी, डॉ. मधु लुम्बा, डॉ आरपी यादव, डॉ. एमसी पटेल, संदीप कपूर, डॉ. मीरा अग्निहोत्री, डॉ. आरएन चौरसिया एवं डॉ. अरुण शर्मा ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. रवि कुमार एवं डॉ. किरन पांडेय ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. प्रवीन कटियार ने किया।
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