'आसमान' से गिरे, ट्रेनों ने संभाला
कानपुर, जमीर सिद्दीकी:
दावों के जहाज पर शहरियों ने साल भर खूब उड़ान भरी, लेकिन हकीकत में जमीन पर ही खड़े रह गए। ट्रेनों और परिवहन निगम की बसों ने जरूर सफर कुछ आसान बनाया। यह साल दो ट्रेनें मिलने के लिए याद किया जाएगा। हालांकि मंधना से अनवरगंज तक ट्रैक हटने की शुरू हुई सुगबुगाहट को अब आ रहे साल से उम्मीद है। सेंट्रल स्टेशन से अमृतसर के लिये 5 नवंबर को नयी साप्ताहिक ट्रेन चलने से जहां स्वर्णमंदिर दर्शन करने वालों को बड़ी राहत मिली वहीं सेंट्रल स्टेशन से फर्रुखाबाद होते हुए आनंद विहार जाने का भी विकल्प मिला।
रेलमंत्री ने शहर में तीन पुलों के साथ ही अमृतसर की ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के साथ सेंट्रल स्टेशन पर स्वचालित सीढ़ी का भी शुभारंभ किया। फर्रुखाबाद रेलमार्ग पर मंधना से अनवरगंज तक शहर के लिए कोढ़ बने ट्रैक को हटाने की सुगबुगाहट भी शुरू हुई और मंधना से पनकी तक नया ट्रैक बिछाने के लिये सर्वे भी साल की उपलब्धियों में है।
इंसेट) अनवरगंज से मंधना तक स्थिति
ø कुल रेलवे क्रासिंग 18
ø वर्ष 2000 में खर्च 67.9 करोड़।
ø वर्ष 2012 में खर्च 232 करोड़।
ø जमीन चाहिए 111 हेक्टेयर।
जमीन पर खर्च अनुमानित
ø वर्ष 2000 में 9 करोड़ 55 लाख 57 हजार 437 रुपया
ø वर्ष 2012 में 122 करोड़ 40 लाख 97 हजार 134 रुपया
इंजीनियरिंग पर खर्च आंका
ø वर्ष 2000 में 18 करोड़ 85 लाख 40 हजार 581 रुपया
ø वर्ष 2012 में 29 करोड़ 36 लाख 20 हजार 188 रुपया
अन्य खर्च आंका
ø वर्ष 2000 में 1 लाख 62 हजार
ø वर्ष 2012 में 1 लाख 80 हजार
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इंसेट) वर्ष 2013 ने दी सौगात
- गोविंदपुरी स्टेशन पर हादसे रोकने के लिए फुट ओवर ब्रिज चालू।
ø सेंट्रल पर स्वचालित सीढ़ी चालू।
- गोविंदपुरी की नई बिल्डिंग में स्टेशन शिफ्ट होने की उम्मीद है।
ø गोविंदपुरी में प्लेटफार्म की लंबाई 26 कोच की हो गई।
ø गोविंदपुरी में एक अतिरिक्त प्लेटफार्म भी बनाया गया।
- सेंट्रल स्टेशन पर सिटी साइड में दो रास्ते चालू हो गए।
कुछ गम भी
ø सेंट्रल स्टेशन को वाहन स्टैण्ड के हवाले कर दिया।
ø गोविंदपुरी स्टेशन की नई बिल्डिंग पूरी नहीं हो सकी।
ø फास्ट फूड सेंटर भी नहीं खुल सका।
2014 से उम्मीदें
ø सेंट्रल स्टेशन पर चार फास्ट फूड सेंटर।
ø गोविंदपुरी की नई बिल्डिंग से यात्रियों को लाभ
ø उद्योगनगरी एक्सप्रेस के रोज फेरे।
ø प्रतापगढ़ इंटरसिटी फर्रुखाबाद तक।
ø लखनऊ के लिए दो और मेमू ट्रेनें।
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इंसेट..
आधुनिक बस अड्डा, मिलेनियम बसें
वर्ष 2013 में परिवहन को भी आगे बढ़ाने की कोशिश हुई। एक ओर शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए विकास नगर में आधुनिक बस अड्डे का प्रस्ताव अमल में आया तो वाल्वो बसों को भी मात देने वाली मिलेनियम बस का सफर भी शहरवासियों को नसीब हुआ।
कुछ राहत
ø विकास नगर में आधुनिक बस अड्डा बनते ही शहर का जाम समाप्त हो जायेगा क्योंकि झकरकटी बस अड्डे पर करीब 1200 बसें प्रतिदिन आ रही हैं, इस नये अड्डे से करीब 600 बसें चलने लगेंगी।
ø अड्डे पर बसों के प्लेटफार्म निर्धारित।
ø झकरकटी अड्डे के बाहर बसों की अराजकता समाप्त होने से जाम खत्म हुआ।
दर्द भी दिया
ø शहर को उम्मीद थी कि सीएनजी सिटी बसों से कुछ राहत मिलेगी लेकिन ऐसा नहीं हो सका और मेंटीनेंस के अभाव में एक-एक कर ये बसें दम तोड़ रही हैं।
ø वाल्वो बस कानपुर को मिली लेकिन अव्यवस्था के चलते बंद हो गई।
2014 में कई उम्मीदें
ø शहीद मेजर सलमान खान अंतर्राज्यीय झकरकटी बस अड्डा धंस चुका है जिसके संवरने की उम्मीद है।
ø झकरकटी बस अड्डे पर बहुउद्देश्यीय बिल्डिंग बनाने की तैयारी
ø चुन्नीगंज बस अड्डे से कई और मार्गो पर बसें चलेंगी।
ø गर्मी में 20 एसी बसें आएंगी।
ø रावतपुर अड्डा संवरने का प्रस्ताव।
ø सीएनजी सिटी बसों को दुरुस्त करने के लिए धन मिल सकता।
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इंसेट..
उड़ान ने दिया धोखा
वर्ष 2013 में विमान ने शहरवासियों का दिल तोड़ दिया। दो वर्षो से कैसे-कैसे ख्वाब शहर के लोग देख रहे थे।
वर्ष 2011 में अहिरवां में आईएलएस लगने पर शहरवासियों को उम्मीद थी कि अब मुंबई, चेन्नई आदि की उड़ान शुरू हो सकती है लेकिन शहर को मायूसी हुई।
ये दर्द दे गया
ø कोलकाता उड़ान बंद
ø इलाहाबाद उड़ान बंद
ø दिल्ली-कानपुर उड़ान हफ्ते में छह दिन के बजाय मात्र दो दिन हो गई।
ø अब कोहरे की आड़ में उड़ान अगले वर्ष तक रद।
2014 ने उम्मीद नहीं छोड़ी
ø नये एयरपोर्ट के लिए कई स्थानों पर जमीन चिह्नित की जा रही है। उम्मीद है कि जल्द ही उसपर फैसला होगा।
ø नये साल में शायद उड़ान के लिये कोई रास्ता निकल आये।
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