ट्रेनों से गायब हुए आरएमएस कोच
कानपुर, जागरण संवाददाता: ट्रेनों में लगने वाले आरएमएस (रेल मेल सर्विस) के कोच गायब हो गए हैं। सेंट्र
कानपुर, जागरण संवाददाता: ट्रेनों में लगने वाले आरएमएस (रेल मेल सर्विस) के कोच गायब हो गए हैं। सेंट्रल स्टेशन से गुजरने वाली करीब 375 ट्रेनों में मात्र एक ट्रेन लालकिला में ही आरएमएस कोच लगता है, शेष ट्रेनों में पार्सल ले जाने में डाककर्मी पसीना छोड़ देते हैं।
दरअसल पांच वर्ष पूर्व 70 फीसद ट्रेनों में आरएमएस का डिब्बा अलग होता था जिसकी पहचान लाल रंग थी। इसी डिब्बे में स्टेशन पर डाककर्मी पार्सल रखते जाते थे और कोई दिक्कत नहीं आती थी लेकिन वर्तमान में हावड़ा से दिल्ली के मध्य चल रही लालकिला एक्सप्रेस को छोड़ दें तो किसी ट्रेन में ये कोच नहीं लगता है। बता दें कि सेंट्रल स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर स्थित आरएमएस कार्यालय से देश विदेश में 50 से 70 हजार पार्सल, चिट्ठी, स्पीड पोस्ट, रजिस्ट्री व अन्य माध्यम से डाक जाती है। अब दिक्कत ये है कि ट्रेनों में आरएमएस कोच नहीं होने से डाक विभाग एक कर्मचारी बोरे के साथ भेजता है। ये बोरा कहां रखा जाए, कोई गायब कर दे, इसकी कोई गारंटी नहीं होती है।
साधारण कोच में होती मारपीट
ट्रेनों के साधारण कोच में डाक रखने के लिए अक्सर डाककर्मी एक दो कूपा ये कहकर खाली करा लेते हैं कि ये आरएमएस कोच है लेकिन कभी-कभी तेज तर्रार यात्रियों के कोप भाजन का शिकार भी इन डाक कर्मियों को होना पड़ता है।
रेलवे को देते किराया
ट्रेनों में लगने वाले आरएमएस कोच के लिए डाक विभाग रेलवे को करीब 10 लाख रुपये छमाही किराया देता है लेकिन उसके बाद भी डाक भेजने की कोई व्यवस्था नहीं है। स्थिति ये है कि सेंट्रल स्टेशन के सुरंगी रास्ते में डाक के ठेले खड़े रहते हैं और जिस रूट की जो भी ट्रेन आती है, उसी पर डाक लाद दी जाती है।