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मेट्रो के ठेकेदारों पर सेवाकर का फंदा

शिवा अवस्थी, कानपुर अब मेट्रो व मोनो रेल प्रोजेक्ट्स के ठेकेदारों पर सेवाकर का फंदा कस दिया गया ह

By Edited By: Updated: Wed, 02 Mar 2016 06:51 PM (IST)
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शिवा अवस्थी, कानपुर

अब मेट्रो व मोनो रेल प्रोजेक्ट्स के ठेकेदारों पर सेवाकर का फंदा कस दिया गया है जबकि मिलेट्री इंजीनिय¨रग सर्विसेज (एमईएस) और रेलवे के ठेकेदार इस दायरे से बाहर रखे गए हैं। इससे कानपुर व लखनऊ मेट्रो प्रोजेक्ट में काम करने वाले प्रमुख व पेटी ठेकेदारों को 5.6 फीसद की दर से सेवाकर चुकाना होगा। एक मार्च 2015 से पहले सरकारी विभागों के निर्माण कार्य करने वाले ठेकेदार सेवाकर से मुक्त कर दिए गए हैं।

वरिष्ठ सेवाकर विशेषज्ञ चार्टर्ड एकाउंटेंट धर्मेद्र श्रीवास्तव ने बताया कि मेट्रो व मोनो रेल प्रोजेक्ट के ठेकेदारों पर एक मार्च 2016 से ही सेवाकर देयता लागू की जा चुकी है। एक अप्रैल 2012 को पहली बार ठेकेदारों को सेवाकर के दायरे में लिया गया था, तब टैक्स की दर 4.8 फीसद थी। अब इसे बढ़ाकर 5.6 फीसद कर दिया गया है।

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सरकारी निर्माण पर छूट, सेवाकर दे चुके तो रिफंड

केंद्र व राज्य सरकार के सरकारी निर्माण कार्यो, नगर निगम, स्थानीय निकाय समेत अन्य विकास कार्य करने वाले ठेकेदारों को अब सेवाकर के दायरे से मुक्त कर दिया गया है। इन पर एक अप्रैल 2015 से 5.6 फीसद सेवाकर लगाया गया था। इसके बाद कई मसले ट्रिब्यूनल भी चले गए थे। कुछ ने तय राशि का भुगतान भी कर दिया था। सेवाकर दे चुके ठेकेदारों को रिफंड का फैसला भी लिया गया है। केंद्र के बजट में इस प्रावधान से सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम ने तैयारी शुरू कर दी है।

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2020 तक पूरे करने होंगे काम

सेवाकर के दायरे से बाहर किए गए सरकारी निर्माण कार्यो से जुड़े ठेकेदारों को काम प्रत्येक हालत में 2020 तक पूरे करने होंगे। ऐसा न कर पाने वाले ठेकेदारों को सेवाकर के दायरे में लिया जा सकता है।

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20 हजार से अधिक ठेकेदार फायदे में

सेवाकर में छूट मिलने से सेना व रेलवे में काम करने वाले शहर व आसपास के जिलों कानपुर देहात, कन्नौज, इटावा, फर्रुखाबाद, औरैया, इटावा आदि के करीब 20 हजार ठेकेदारों को सीधा फायदा मिलेगा। वहीं, मेट्रो प्रोजेक्ट्स में काम करने वाले एक से डेढ़ हजार पेटी ठेकेदारों के खर्चे बढ़ेंगे।

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विशेषज्ञ का नजरिया

एक मार्च 2015 से ठेकेदारों पर सेवाकर लागू होने में बड़ा पेंच फंसा था। सरकारी निर्माण कार्यो से जुड़े ठेकेदारों को सेवाकर से मुक्ति देना बजट में बड़ा कदम है। इससे विकास कार्यो में तेजी आएगी और पुराने विवादित मसले आसानी से निपटेंगे।

-धर्मेद्र श्रीवास्तव, चार्टर्ड एकाउंटेंट, वरिष्ठ सेवाकर विशेषज्ञ।

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