तीन ट्रेनों की तिथि मुकर्रर नहीं कर पा रहा रेलवे
लखनऊ। एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मासिक रिपोर्ट कार्ड मांगकर उनके कार्य की समीक्षा कर
लखनऊ। एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मासिक रिपोर्ट कार्ड मांगकर उनके कार्य की समीक्षा कर रहे हैं दूसरी ओर रेलवे की कुछ ट्रेनों का संचालन सिर्फ कागजों पर हो रहा है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह के संसदीय क्षेत्र लखनऊ से चलने वाली इन तीन ट्रेनों की तिथि पिछले छह माह से मुकर्रर नहीं हो पा रही है। कभी रेल संरक्षा आयुक्त का अड़ंगा तो कभी किसी रेलवे अधिकारी की लेटलतीफी के कारण गोंडा मेमू, डबल डेकर और लखनऊ-काठगोदाम का संचालन नहीं हो पा रहा है। इसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है।
अगर यह ट्रेनें चला दी जाए तो हजारों यात्रियों को जहां राहत मिलेगी वहीं यात्रियों को भी लगेगा कि वास्तव में अच्छे दिन आ गए हैं। हालांकि उक्त दोनों महकमों के अफसरों की सुस्त गति के कारण कोई कार्य समय से नहीं हो पा रहा है। नतीजतन डबल डकर जिसे लखनऊ से नई दिल्ली के बीच चलना है वह तीन माह से गोमती नगर स्टेशन पर अपने चलने का इंतजार कर रही है। इस ट्रेन की सुरक्षा में रेलवे ने चौबीस घंटे में बारह आरपीएफ जवानों को लगा रहा है। इसी तरह गोंडा मेमू का संचालन के लिए पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल ने करीब एक साल पहले ही विद्युतीकरण कर दिया, लेकिन आज भी किसी न किसी कारण वश मेमू का संचालन नहीं हो सका। ऐसे में यहां भी प्रतिमाह रेलवे को बिजली खर्च के एवज में लाखों रुपये बेवजह खर्च करने पड़े रहे हैं।
तीसरी और महत्वपूर्ण ट्रेन लखनऊ से काठगोदाम की है। इस ट्रेन के संचालन को लेकर पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल ने रुचि भी दिखाई शुरू में प्रीमियम ट्रेन चला दी, लेकिन किराया ज्यादा होने के कारण यात्रियों की रुचि इस ट्रेन में कम रही। यह वही ट्रेन है जिसे वर्ष 2014-2015 के रेल बजट में चलाने की घोषणा हुई थी। सप्ताह में तीन दिन चलने वाली इस ट्रेन के दिन व ट्रेन नंबर तक घोषित हो चुका है। लेकिन संचालन किसी न किसी कारणवश नहीं हो सका। ऐसे में लखनऊ जनकल्याण महामंच, पर्वतीय महापरिषद के पदाधिकारी हर माह डीआरएम अनूप कुमार से मिलकर इस ट्रेन को चलाने की मांग कर रहे हैं। यह हाल तब है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर चीज की तिथि मुकर्रर कर रहे हैं लेकिन रेलवे अफसर है कि उनके कानों में जू तक नहीं रेंग रही है।
उत्तर रेलवे से क्लीयरेंस नहीं
पूर्वोत्तर रेलवे ने डबल डेकर को लेकर जहां क्लीयरेंस दे दिया है वहीं उत्तर रेलवे डबल डेकर की फाइल लिए बैठा है। उत्तर रेलवे को भी जल्द क्लीयरेंस देना चाहिए। लेकिन अभी यह कार्य नहीं हुआ है। अफसरों का तर्क है कि जब उत्तर रेलवे क्लीयरेंस दे देगा जब अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन डबल डेकर का ट्रॉयल करेगा और फिर संचालन जल्द संभव हो सकेगा। ऐसे में डबल डेकर का संचालन सितंबर माह में संभव नहीं लग रहा है।
डबलडेकर को लेकर जल्द फैसला
उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी नीरज शर्मा ने बताया कि डबल डेकर को लेकर जल्द ही फैसला होगा। प्रयास हो रहे हैं कि दीपावली से पहले इसके संचालन को लेकर फैसला हो जाए।