अमिताभ ठाकुर को धमकाने में मुलायम पर FIR का आदेश
सीजेएम कोर्ट लखनऊ ने समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया है। कोर्ट की ओर से यह आदेश निलंबित आईपीएस अमिताभ ठाकुर को कथित रूप से धमकाने के आरोप में आया है।
लखनऊ। सीजेएम कोर्ट लखनऊ ने समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया है। कोर्ट की ओर से यह आदेश निलंबित आईपीएस अमिताभ ठाकुर को कथित रूप से धमकाने के आरोप में आया है। आईपीएस ने दो महीने पहले मुलायम के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में मामले की याचिका दाखिल की थी। आज सीजेएम सोमप्रभा मिश्रा ने अमिताभ ठाकुर की याचिका पर सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत मुकदमा दर्ज करने तथा कोर्ट को इस केस की कार्रवाई की जानकारी देने का आदेश दिया है। मामले में कोर्ट ने पहले भी हजरतगंज थाने से रिपोर्ट मांगी थी लेकिन वह अब तक दी नहीं गई है।
बताते चलें कि 11 जुलाई को अमिताभ ठाकुर ने हजरतगंज थाने में मुलायम सिंह यादव पर धमकी देने का आरोप लगाते हुए एफआइआर दर्ज करने के लिए प्रार्थनापत्र दिया था। लेकिन उनकी एफआइआर दर्ज नहीं की गई। इसके बाद उन्होंने एसएसपी लखनऊ को प्रार्थना पत्र दिया। इसके बाद भी कोई कारवाई नहीं हुई। उल्टे जांच अधिकारी हजरतगंज इंस्पेक्टर ने अमिताभ ठाकुर को बताया था कि उनकी शिकायत की जांच की गई और आरोपों की पुष्टि नहीं हुई। इसके बाद मुलायम को क्लीन चिट मिल गई थी। इसके बाद अमिताभ ठाकुर ने सीजेएम कोर्ट में एफआईआर दर्ज कराने का आदेश देने के लिए याचिका दाखिल की। इसी मामले में सीजेएम ने आज सुनवाई करते हुए मुलायम सिंह के खिलाफ धमकी देने के मामले में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। इस बीच एक और ताजा घटनाक्रम में आय से अधिक संपत्ति मामले में अमिताभ ठाकुर के खइलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश हुआ है।
मुलायम पर मुक़दमे की पृष्ठभूमि
अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर ने खनन मंत्री गायत्री प्रजापति के खिलाफ लोकायुक्त के यहाँ शिकायत की थी। अमिताभ ठाकुर का आरोप है कि उसके बाद उन्हें फ़ोन पर धमकियां मिलाने लगीं। 10 जुलाइ 15 को शाम 4.43 बजे एक फ़ोन आता है, उसमें कहा गया की नेताजी बात करेंगे। उसके बाद मुलायम सिंह ने सुधर जाने को कहा। ये भी कहा की जसराना ( फिरोजबाद) वाला भूल गए हो? ( जसराना का मामला 2006 में हुआ था और अमिताभ फ़िरोज़ाबाद में एसपी थे) सीजेएम सोम प्रभा ने अपने आदेश में कहा है की पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ धमकी का मामला बनता है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया है कि ललित कुमारी वनाम यूपी के केस में सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की बेंच ने कहा है की संज्ञेय अपराध बनता है तो पुलिस को मामला करना होगा।