कौमी एकता दल पर समाजवादी संग्राम, सीएम-मुलायम से मिले शिवपाल
गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के दो विधायकों वाले कौमी एकता दल के विलय को लेकर समाजवादी परिवार में घमासान मचा है।
By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Wed, 22 Jun 2016 06:24 PM (IST)
लखनऊ (वेब डेस्क)। उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी में गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के दो विधायकों वाले कौमी एकता दल के विलय को लेकर घमासान मच गया है। इस विलय को लेकर समाजवादी परिवार में घमासान मचा है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस विलय के पक्ष में नहीं थे।
घमासान को लेकर अब समाजवादी पार्टी का संसदीय बोर्ड 25 जून को इस विलय पर फैसला करेगा। अब 25 जून को समाजवादी पार्टी के दिग्गज इस विलय पर मंथन करेंगे।माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के निर्देश पर ही शिवपाल सिंह यादव ने कौमी एकता दल का पार्टी में विलय कराया है।यह भी पढ़ें- पार्टी का सपा में विलय होने से पहले ही मुख्तार आगरा से लखनऊ जेल ट्रांसफरइससे पहले आज पार्टी के महासचिव तथा शिवपाल सिंह यादव ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सरकारी आवास, पांच कालीदास मार्ग पर जाकर इस प्रकरण पर उनसे वार्ता की। इसके बाद वह समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने घर पर उनके साथ बैठक करने के बाद फिर से सीएम अखिलेश यादव से मिलने उनके सरकारी आवास पहुंचे।
कौमी एकता दल के समाजवादी पार्टी में विलय के मुख्य कर्ताधर्ता शिवपाल सिंह यादव ही माने जा रहे हैं। मामला काफी गंभीर होता देख मुलायम सिंह यादव ने कौमी एकता दल के सपा में विलय को लेकर 25 जून को केन्द्रीय संसदीय बोर्ड की मीटिंग बुलाई है। इस विलय से मुख्यमंत्री बेहद खफा हैं। कौमी एकता दल के समाजवादी पार्टी में विलय को लेकर अखिलेश यादव को विश्वास में नहीं लिया गया।यह भी पढ़ें- गैंगस्टर मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल का सपा में विलय
कल इस मामले में मुलायम सिंह के साथ बैठक में अम्बिका चौधरी, नारद राय, रामगोविंद व बलराम यादव भी शामिल थे। इनमें बलराम यादव को सीएम ने बर्खास्त कर दिया है जबकि राम गोविंद अभी मंत्री पद पर बने हैं। विलय की प्रेस कांफ्रेंस के बाद की एक अन्य बैठक में मुलायम सिंह यादव के आवास पर हुई थी, जिसमें इनके अलावा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व शिवपाल यादव भी मौजूद थे।मुख्तार अंसारी को को लेकर सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में संग्राम जारी है। आज पार्टी के महासचिव तथा इस विलय के सूत्रधार शिवपाल यादव दो बार मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिले जबकि एक बार उनकी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के साथ भी करीब एक घंटा तक बैठक हुई है।यह भी पढ़ें- मकोका से मुक्त हुए यूपी के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारीइसके बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और शिवपाल यादव में करीब डेढ़ घंटे तक वार्ता चली। क्लीन छवि के सीएम गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के दल के सपा में विलय से बेहद नाराज हैं। अखिलेश के साथ बैठक के बाद शिवपाल बिना मीडिया से बात करे रवाना हो गये। माना जा रहा है शिवपाल यादव बेहन नाराजगी में मुख्यमंत्री के आवास पर पहुंचे थे।अखिलेश यादव बेहद खफागैंगस्टर मुख्तार अंसारी के दल कौमी एकता दल के समाजवादी पार्टी में विलय को लेकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बेहद खफा हैं। इस मामले में अखिलेश यादव की नाराजगी की पहली गाज कैबिनेट मंत्री बलराम यादव पर गिरी है। उनको मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया गया है।यह भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ही कोई नहीं सुनता: पासवानकल ही सीएम ने माध्यमिक शिक्षा मंत्री तथा मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी बलराम यादव को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर अपनी नाराजगी जता दी थी। माना जा रहा है कि कारागार मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया भी इस मामले में चपेट में आ सकते हैं। बलवंत सिंह रामूवालिया ने मुख्तार अंसारी को आगरा सेंट्रल जेल से लखनऊ ट्रांसफर कराने में मुख्य भूमिका अदा की है।
मुलायम की अनुमति के बाद किया कौमी एकता दल का विलयकौमी एकता दल के समाजवादी पार्टी में विलय को लेकर चल रहे बवाल को लेकर आज पार्टी ने सफाई दी। पार्टी के महासचिव तथा कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि सपा लोकतांत्रिक पार्टी है। सबको अपनी बात कहने का हक है। पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव की इजाजत से ही अंसारी भाईयों की पार्टी कौमी एकता दल का सपा में विलय कराया गया। समाजवादी पार्टी में मुलायम सिंह ही ही सर्वेसर्वा हैं। उन्होंने कहा कि परिवार के साथ ही समाजवादी पार्टी में भी सबकुछ ठीक है। उन्होंने कहा कि नेताजी की फैसला सबको मंजूर होता है। हमने नेताजी से राय लेकर दोनो भाईयों को सपा में जोड़ा है।
बलराम ने किया बर्खास्तगी स्वागतकल अखिलेश मंत्रिमंडल से बर्खास्त कैबिनेट मंत्री बलराम यादव ने अपनी बर्खास्तगी किया है। उन्होंने कहा कि इसका तो मैं स्वागत करता हूं।यह भी पढ़ें- यूपी के माध्यमिक शिक्षा मंत्री बलराम यादव बर्खास्तकिसी से नाराजगी का तो सवाल ही नहीं है। उन्होंने कहा कि मुलयम सिंह उनके पिता और संरक्षक हैं। समाजवादी पार्टी ही उनकी जिंदगी है। उन्होंने मुख्यमंत्री के फैसले पर कोई भी टिपण्णी नहीं की।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।