ओबामा के अमेरिका ने मोदी के बनारस का किया सम्मान
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बेहद करीबी भारतीय मूल के फ्रैंक इस्लाम को मार्टिन लूथर किंग पुरस्कार मिलने पर उनके छोटे भाई हाजी मुशीरुल इस्लाम के वाराणसी स्थित घर जश्न का माहौल है। हाजी साहब का कहना है कि यह ओबामा के अमेरिका द्वारा मोदी के बनारस का सम्मान है।
By Nawal MishraEdited By: Updated: Mon, 19 Jan 2015 09:06 PM (IST)
लखनऊ। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बेहद करीबी भारतीय मूल के फ्रैंक इस्लाम को मार्टिन लूथर किंग पुरस्कार मिलने पर उनके छोटे भाई हाजी मुशीरुल इस्लाम के वाराणसी स्थित घर जश्न का माहौल है। हाजी साहब का कहना है कि यह ओबामा के अमेरिका द्वारा मोदी के बनारस का सम्मान है। हर भारतीय खासतौर से बनारसी इस पुरस्कार से बेहद खुश और गौरवान्वित है। उन्होंने बताया कि बड़े भाई सत्तर वर्षीय फ्रैंक इस्लाम अमेरिका के राष्ट्रपति के भारत आगमन से एक दिन पूर्व नई दिल्ली पहुंच रहे हैं। वहां ओबामा के साथ गणतंत्र दिवस की परेड में भी शामिल होंगे।
हाजी मुशीरुल इस्लाम के अनुसार 26 जनवरी की शाम को नई दिल्ली में भारत व अमेरिका के बड़े औद्योगिक घरानों के सम्मेलन में फ्रैंक इस्लाम की महत्वपूर्ण भागीदारी होगी। 28 जनवरी को वाराणसी आएंगे और 31 जनवरी को अमेरिका रवाना हो जाएंगे। आजमगढ़ के सरायमीर इलाके के मूल निवासी फखरुल इस्लाम को अमेरिका में फ्रैंक इस्लाम के नाम से जाना जाता है। फ्रैंक वाशिंगटन स्थित कैनेडी सेंटर के न्यासी भी हैं। अमेरिकी कला व संस्कृति के इस केंद्र के दूसरे न्यासियों में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जान एफ कैनेडी की बेटी के साथ ही भारतीय मूल के अमेरिकी उद्यमी रोमेश बाघवानी भी हैं।फ्रैंक क्यूएसएस समूह के संस्थापक व सीईओ थे, लेकिन उन्होंने इसे बेच दिया। वर्ष 2007 में उन्होंने वित्तीय निवेश समूह फ्रैंक इस्लाम इंवेस्टमेंट ग्रुप की स्थापना की। इस कंपनी को वर्ष 1999 में राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हो चुका है। राष्ट्रपति चुनाव में जिस तरह फ्रैंक ने ओबामा का साथ दिया, उससे लोग उन्हें ओबामा का सारथी कहने लगे। बराक ओबामा के आर्थिक सलाहकार फ्रैंक ने अमेरिका व भारत के रिश्तों को भी समय समय पर दशा-दिशा दी है।
हाजी मुशीरुल इस्लाम के अनुसार उन्होंने बनारस के उदय प्रताप कालेज से स्नातक किया, इसके पूर्व आजमगढ़ के प्रतिष्ठित शिब्ली नेशनल कालेज से भी पढ़ाई की। अलीगढ़ विश्वविद्यालय से डाक्ट्रेट की उपाधि ली। वहीं लेक्चरर बन गए। इसी बीच अमेरिका से भी लेक्चरर का आफर मिला तो वहीं चले गए। अमेरिका में ही डेवी ड्राइजमैन से शादी की और वहीं बस गए। उनके चार भाइयों में हाजी मुशीरुल इस्लाम वाराणसी में रहते हैं जबकि अन्य भाइयों में फैजुल इस्लाम व डा. जियाउल इस्लाम अमेरिका में इंजीनियर हैं। फ्रैंक की तीन बहने भी हैं।
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