मायावती ने विधानसभा चुनाव में 300 सीटों जीतने का लक्ष्य तय करने के साथ पदाधिकारियों को जनता के बीच रहने की हिदायत दी।
By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Sun, 19 Jun 2016 07:52 PM (IST)
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने विधानसभा चुनाव में 300 सीटों जीतने का लक्ष्य तय करने के साथ पदाधिकारियों को जनता के बीच रहने की हिदायत दी। जनसमस्याओं के समाधान के लिए पार्टी पदाधिकारियों को धरना प्रदर्शन जैसे रास्ते न अपनाकर अधिकारियों से मिलकर समाधान कराने अथवा कोर्ट में जाने का सुझाव दिया। मायावती ने चेताया कि बसपाई सड़कों पर उतरेंगे तो सरकार फर्जी मुकदमों में फंसाकर उनका उत्पीडऩ करेगी। उनका कहना था कि सपा भाजपा के साथ मिलकर बसपा के खिलाफ साम, दाम, दंड व भेद सभी हथकंडे आजमाएगी, इसलिए सतर्क रहना होगा। पार्टी मुख्यालय में अरसे बाद मायावती ने आज बसपा सांसदों, विधायकों व प्रत्याशियों के अलावा जोनल व मंडल कोआर्डिनेटर, जिलाध्यक्ष, महासचिव, विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष व बहुजन वालंटियर फोर्स के संयोजकों के साथ भाईचारा कमेटियों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। सुबह साढ़े आठ बजे से शुरू हुई बैठक में लगभग डेढ़ घंटे के संबोधन में बसपा प्रमुख ने चुनावी जीत के मंत्र दिए।
कैराना प्रकरण की सच्चाई उजागर करें बसपा प्रमुख का कहना था कि विधानसभा चुनाव में पार्टी 300 सीटें आसानी से जीत सकती है, बशर्ते हर कार्यकर्ता पूरे तन-मन से प्रचार में जुटे। कैराना प्रकरण पर सपा-भाजपा की साजिश को जनता के बीच पहुंचाने का काम करना होगा। सपा की गलत नीतियों के कारण हर क्षेत्र से पलायन हुआ है। सूबे में आम आदमी का जीना मुश्किल हो गया है। चुनाव नजदीक आते ही बसपा को रोकने के लिए सपा-भाजपा साजिश तेज करेंगी क्योंकि जनता जानती है कि बसपा ही गुंडों, माफिया व शरारती तत्वों को नियंत्रित कर सकती है। ङ्क्षहदू पलायन के मुद्दे को उन्होंने भाजपा वोटबैंक की सियासत बताया।टिकट न कटेंगे, अपर कास्ट को जोड़ें
मायावती ने कहा कि विशेष कारण को छोड़ कर अब कोई भी प्रत्याशी नहीं बदला जाएगा। सभी प्रत्याशी अपने क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा समय दें, कोर्डिनेटरों से भय खाने की जरूरत नहीं है। जातीय समीकरण सुधारने के लिए अपर कास्ट के लोगों का भरोसा जितना होगा। कैडर की मजबूती पर जोर देने के लिए अगस्त के अंत तक संगठनात्मक प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। जनता के बीच में जाने के लिए पदयात्राओं को माध्यम बनाने पर जोर देते हुए मायावती ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार की विफलताओं का भरपूर प्रचार किया जाए। खासतौर से कानून व्यवस्था व महंगाई के मुद्दे को गंभीरता से उठायें और बसपा शासनकाल की खूबियां भी बतायी जाएं।
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सुरक्षित सीटें छोड़ सभी भाईचारा कमेटी भंग बसपा सुप्रीमो ने सुरक्षित सीटों की कमजोरी को देखते हुए इन क्षेत्रों में गठित भाईचारा कमेटियों को छोड़ कर बाकी को भंग करने का ऐलान किया। वहीं बामसेफ की इकाइयों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। उनका कहना था कि मुस्लिमों, पिछड़ों व अपर कास्ट के गरीबों को जोडऩे पर अधिक जोर दिया जाए। बसपा प्रमुख ने संकेत दिए कि अगस्त से उनके चुनावी दौरे शुरू हो जाएंगे। इसलिए सभी प्रत्याशी कल से क्षेत्रों में ही सक्रिय रहें। गरीबी, सुरक्षा व गुंडागर्दी को प्रमुख मुद्दा बनाकर प्रचार अभियान छेड़ा जाएगा। प्रचार अभियान में सतीश मिश्रा, नसीमुद्दीन सिद्दीकी व आरके कुरील भी अहम भूमिका निभाएंगे। निगरानी स्वयं मायावती करेंगी और समय- समय पर दिशा निर्देश जारी होंगे। कांग्रेस-सपा के बागी पहुंचे बैठक में कांग्रेस के बागी विधायकों दिलनवाज खान व मोहम्मद मुस्लिम के अलावा सपा के नवाजिश आलम की मौजूदगी भी चर्चा में रही। सूत्रों का कहना है कि इन विधायकों को जल्द ही उम्मीदवार घोषित किया जाएगा।
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मायावती ने लखनऊ मंडल के जोनल कोआर्डिनेटर पद से पूर्व मंत्री इंद्रजीत सरोज की छुट्टी करते हुए राज्यसभा सदस्य डॉ. अशोक सिद्धार्थ को कानपुर के साथ ही लखनऊ मंडल का भी दायित्व सौंपा है। बसपा प्रमुख मायावती सत्ता में वापसी करने के लिए कोई कसर नहीं छोडऩा चाहती हैं। मायावती ने आज पार्टी मुख्यालय, माल एवेन्यू में सभी सांसद, विधायक के साथ ही जोनल कोआर्डिनेटर, जिलाध्यक्ष, महासचिव, विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष, बीवीएफ, बामसेफ के पदाधिकारियों और प्रत्याशियों के साथ बैठक की।
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बैठक में विधानसभा चुनाव लडऩे वालों को संगठन के विभिन्न पदों से मुक्त करने का निर्णय किया गया, जिससे यह लोग क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा समय रहकर चुनाव की तैयारी कर सकें। हरदोई की एक विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी को लेकर सही रिपोर्ट न देने के मामले को गंभीरता से लेते हुए मायावती ने इंद्रजीत सरोज को लखनऊ जोन के जोनल कोआर्डिनेटर पद से हटाया है।
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