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स्वामी प्रसाद मौर्य का विधानसभा से इस्तीफा

भाजपा में शामिल पूर्व नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने नैतिकता के आधार पर लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।

By Nawal MishraEdited By: Updated: Sat, 27 Aug 2016 07:06 PM (IST)
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लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। भाजपा में शामिल होने के 19 वें दिन पूर्व नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने विधानसभा सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। नैतिकता के आधार पर लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए इस्तीफा देने का दावा करते हुए मौर्य ने कहा कि भाजपा में जाने के बाद सोचा कि मुझे विधायक पद पर भी नहीं रहना चाहिए।

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पत्रकारों वार्ता में स्वामी प्रसाद मौर्य ने मायावती पर अपने पिछले आरोपों को दोहराते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह द्वारा भाजपा को बाबा साहब के विचारों की ओर ले जाने और बौद्ध दर्शन के प्रति मोदी के आकर्षण से प्रभावित होकर हमने भाजपा की सदस्यता ली। यह पूछे जाने पर कि दल-बदल कानून के तहत विधानसभा सदस्यता समाप्त होने के खतरे को देखते हुए आपने इस्तीफा दिया है? स्वामी ने तपाक से कहा कि अगर मैं बेशर्मी की हद तक आ जाता तो सुप्रीम कोर्ट तक लड़ता। जब बसपा छोडऩे के बाद मैंने नेता विरोधी दल समेत सभी पद छोड़ दिए तो इस पद का क्या मतलब। मुझे विधायक बनाने में जितना योगदान बसपा के चुनाव चिन्ह का है उससे ज्यादा पडऱौना के मतदाताओं का है। स्वामी ने कहा कि आज विधानसभा अध्यक्ष जी यहां थे नहीं। 28 को आने वाले हैं। मैंने उन्हें बताकर इस्तीफा दे दिया और रिसीव कॉपी मिल गयी।

केशव से मीडिया कराना चाहता मतभेद

भाजपा कार्यालय में न जाने पर उन्होंने कहा कि यह इस्तीफा मेरा व्यक्तिगत मामला है। सदस्यता से मैं इस्तीफा दे रहा हूं इसलिए निजी मामले को पार्टी से नहीं जोड़ सकता। भाजपा में दो मौर्या होने से मतभेद बढऩे की बात पर उन्होंने कहा कि जब सपा में हजारों यादव रह सकते तो भाजपा में दो मौर्या क्यों नहीं रह सकते। कहा कि केशव मौर्य मेरे छोटे भाई हैं। उनसे मेरे मधुर संबंध हैं। मीडिया मतभेद कराना चाहता है लेकिन सफलता नहीं मिलेगी। उन्होंने इलाहाबाद में अपने द्वारा किसी तरह का विवादित बयान देने से इन्कार किया। जब पूछा गया कि केशव आपके छोटे भाई हैं तो स्वागत समारोह के दौरान उनका पैर क्यों छू रहे थे? स्वामी ने इसका भी दोष मीडिया पर मढ़ दिया। कहा मैं उनके पैर नहीं छू रहा था। नेतृत्व के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि बसपा में मेरी नेता मायावती थीं और भाजपा में मेरे नेता मोदी और शाह हैं।

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22 की रैली में आ सकते प्रधानमंत्री

उन्होंने कहा कि 22 सितंबर को रमाबाई मैदान में होने वाली रैली की तैयारी में लगा हूं। इस रैली में अमित शाह आएंगे। यह रैली लोकतांत्रिक बहुजन मंच के बैनर तले होगी। मैंने प्रधानमंत्री से भी आने की अपील की है। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भरोसा दिया है कि अगर बहुत व्यस्त कार्यक्रम नहीं होगा तो प्रधानमंत्री भी आएंगे।

तय था सदस्यता निरस्त होना

स्वामी प्रसाद मौर्य की दलबदल कानून के तहत सदस्यता जानी थी इसलिए उन्होंने पहले ही इस्तीफा दे दिया। गत दिवस सुनवाई में वह विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष पहुंचे नहीं थे। स्वामी ने समय मांगा था इसलिए सुनवाई की तारीख 31 अगस्त तय की गयी थी।

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