बाल संसद में छोटे बच्चों ने उठाए बड़े सवाल
लखनऊ। विधानभवन के सेंट्रल हाल में विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय को कल जनसमस्याओं से
लखनऊ। विधानभवन के सेंट्रल हाल में विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय को कल जनसमस्याओं से जुड़े सवाल पर जवाब देने में मशक्कत करनी पड़ी। उनके समक्ष सवाल उठाने वाले खांटी विधायक नहीं बल्कि छोटे स्कूली बच्चे थे। कल सम्पन्न विशेष बाल संसद में छोटे बच्चों से समाज की विसंगतियों के साथ प्रशासनिक तंत्र की खामिया भी खूब उजागर की।
करीब सवा घंटे चली कार्रवाई में बच्चों ने अधिकतर प्रश्न अपने स्कूल व आसपास के क्षेत्रों से जुडे मसलों से संबंधित थे। बुंदेलखंड की 12 वर्षीया अनुराधा ने स्कूल में पीने को गंदा पानी मिलने व शौचालय पर ताला लटके रहने की समस्या बतायी। गोरखपुर के शिवम ने मिड डे मील का खराब होना और समय से न मिलने का मुद्दा उठाया। वाराणसी की कक्षा आठ की छात्रा पुष्पा ने स्कूल की बाउंड्री न होने और जुआ खेलने वालों के कब्जा होने का आरोप लगाया। भदोई के विकास सिंह ने शौचालय की सफाई स्कूली बच्चों से ही कराने की बात कही तो हमीरपुर की रूबी ने शिक्षकों की कमी दूर करने की मांग की। लखनऊ में अलीगंज के ओमवीर रावत, शाहगंज के दानिश ने अपने घरों के आसपास फैली गंदगी साफ न होने की समस्या रखी। जानकीपुरम की पूजा ने शिक्षकों के बच्चों को भी उनके स्कूल में ही पढ़ाने का मुद्दा छेड़कर सबको सोचने के लिए मजबूर किया। प्रियंका ने जानकीपुरम विस्तार खंड में स्कूल न होने की जानकारी दी।
स्कूली बच्चों ने पांच सूत्रीय मांगपत्र विधानसभा अध्यक्ष माताप्रसाद पांडेय को सौंपा। जिसमें बाल अधिकार संरक्षण आयोग का गठन, शिक्षा का अधिकार कानून गंभीरता से लागू करने व प्रत्येक स्कूल के प्रबंधन को विशेष प्रकोष्ठ बनाने की मांग की। जिसमें बच्चों की भागीदारी भी सुनिश्चित हो। संचालन विनोद सिन्हा ने किया। विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडे ने बच्चों की समस्याएं सुलझाने के लिए शासनस्तर पर वार्ता का आश्वासन दिया। बच्चों ने विधानसभा मंडप के भीतर कार्रवाई स्थल को भी देखा।
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