अब 20 को ही तय होगा बिहार का मुख्यमंत्री : केशरीनाथ
बिहार की राजनीति में उठा-पटक के बाद भी वहां के कार्यवाहक राज्यपाल केशीनाथ त्रिपाठी बड़े इत्मीनान में हैं। कानपुर में एक निजी कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे मंझे राजनेता तथा बिहार के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने दो टूक कहा बिहार का मुख्यमंत्री अब 20 फरवरी को विधानसभा में ही तय
By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Fri, 13 Feb 2015 01:43 PM (IST)
लखनऊ। बिहार की राजनीति में उठा-पटक के बाद भी वहां के कार्यवाहक राज्यपाल केशीनाथ त्रिपाठी बड़े इत्मीनान में हैं। कानपुर में एक निजी कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे मंझे राजनेता तथा बिहार के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने दो टूक कहा बिहार का मुख्यमंत्री अब 20 फरवरी को विधानसभा में ही तय होगा।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के साथ नई दिल्ली में राज्यपालों के साथ भेंट के बाद लौट रहे बिहार के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी कानपुर में एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे हैं। उत्तर प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष रहे केशरीनाथ त्रिपाठी ने बिहार में इन दिनों गरमा रही राजनीति पर कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जो कहना चाहे कहें। उनकी किसी बात का मेरे ऊपर कोई असर नहीं है। मैंने हमेशा ही संविधान की मर्यादा के पालन में ही विश्वास किया है। मेरे ऊपर किसी का कोई दबाव भी नहीं हैं। किसी भी राज्य का मुख्यमंत्री बदलना आसान प्रक्रिया नहीं है। यह काम 48 घंटे में नहीं हो सकता। नीतीश कुमार की इच्छा यही थी। वह मुख्यमंत्री बनने के लिए अब बेहद उतावले दिख रहे हैं। मुख्यमंत्री बदलना आसान नहीं, राजनीति में उतावलापन ठीक नही। उन्होंने कहा कि मैंने पटना में 20 फरवरी से बजट सत्र में दोनों सदन बुलाए है। इसमें वोट पड़ेंगे। इसके परिणाम के आधार पर ही बिहार का मुख्यमंत्री तय होगा।उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने नौ फरवरी को संख्या बल का हवाला देकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। हमने कानूनी विशेषज्ञ की राय और सुप्रीम कोर्ट के फैसले पढऩे के बाद 11 की रात फैसला ले लिया कि 20 फरवरी को विधानसभा के संयुक्त सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण के तुरंत बाद मांझी विश्वास मत पेश करेंगे और उस पर वोटिंग होगी। दो दिनों में कौन-सी देरी हो गई जो नीतीश राजनीतिक बयानबाजी करने लगे। उन्होंने कहा कि मांझी ने भी मुझसे मिलकर बहुमत होने का दावा किया। अब ऐसी स्थिति में कोई भी फैसला विधानसभा के पटल पर ही संभव है। मैंने संविधान में दिए गए प्रावधानों के मुताबिक फैसला लिया। जहां तक ज्यादा समय दिए जाने की बात है तो विशेष सत्र आनन-फानन में बुला पाना संभव नहीं है, जबकि पहले से ही बजट सत्र की तारीफ 20 फरवरी तय है। उन्होंने कहा पूरी संवैधानिक प्रक्रिया पर उंगली उठाने के साथ ही राजनीतिक बयान देना एकदम गलत है।
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