मुजफ्फरनगर में कर्फ्य में ढील, लोगों ने जरूरत की वस्तुएं खरीदीं
लखनऊ। सांप्रदायिकता की आग में धधक रहे मुजफ्फरनगर के शहरी इलाके ने अमन की राह तलाशनी शुरू
लखनऊ। सांप्रदायिकता की आग में धधक रहे मुजफ्फरनगर के शहरी इलाके ने अमन की राह तलाशनी शुरू कर दी है। मंगलवार को कर्फ्य में ढील के दौरान मुजफ्फरनगर शहर में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। इससे कमिश्नर ने बुधवार को भी ढील दी है। इस दौरान सुरक्षा सख्त और निगरानी रही। सब कुछ सामान्य रहने पर ढील की अवधि बढ़ाए जाने की संभावना है। इसके विपरीत मुजफ्फरनगर के ग्रामीण इलाकों में हालात सामान्य नहीं हैं जगह-जगह उपद्रवी सिर उठा रहे हैं। हिंसा में मरने वालों की संख्या 42 पहुंच चुकी है। एडीजी कानून व्यवस्था अरुण कुमार 34 मौतों की पुष्टि कर रहे हैं जबकि कमिश्नर ने हिंसा में 37 लोगों के मरने की पुष्टि की है। आसपास जिलों में वारदातें हो रही हैं। मंगलवार रात सहारनपुर में गोलीबारी में एक युवक के घायल होने के बाद तनाव है तो बागपत के बावली गांव से पलायन कर गए लोगों के मकान भीड़ ने फूंक दिए। मेरठ देहात में आगजनी और हत्या। शामली शहर और देहात के कई गांवों में रात में ताबड़तोड़ फायरिंग होती रही। ध्यान रहे कि मंगलवार को मुजफ्फरनगर शहर में दोपहर बाद 3.45 बजे से 5.30 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई। दवाइयां, दूध, सब्जी के अलावा दैनिक उपयोग की वस्तुओं की खरीदारी हुई। पेट्रोल पंपों पर वाहनों की कतार लगी रही थीं।
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