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लखनऊ में दांत के डॉक्टर भी हड़ताल पर

लखनऊ। कानपुर में सपा विधायक और जूनियर डाक्टरों के बीच झगड़े ने पूरे प्रदेश की स्वास्थ्य सेव

By Edited By: Updated: Mon, 03 Mar 2014 10:21 AM (IST)

लखनऊ। कानपुर में सपा विधायक और जूनियर डाक्टरों के बीच झगड़े ने पूरे प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं ठप कर दी है। आज इसमें लखनऊ के दांत के डॉक्टर भी शामिल हो गए हैं। इन लोगों ने किंग जार्ज मेडिकल कालेज में ओपीडी ठप कर दी है। सूबे के पांच मेडिकल कालेज तो कल से ही भी हड़ताल में शामिल हो हैं।

प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ ने भी इमरजेंसी व पोस्टमार्टम सेवाओं को छोड़ सभी चिकित्सा कार्यो के बहिष्कार की घोषणा कर दी है। जबकि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर फर्रुखाबाद, रायबरेली, इटावा व जालौन के चिकित्सक भी आंदोलन में कूद पड़े। साथ ही प्रदेश के प्राइवेट डाक्टर भी हड़ताल में शामिल हो गए हैं। कानपुर में विवाद के मामले में गणेश शंकर स्मारक मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ नवनीत कुमार ने विधायक इरफान सोलंकी, एसएसपी यशस्वी यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने के लिए स्वरूप नगर थाने में तहरीर दी है।

मंडलायुक्त कानपुर इफ्तिखारुद्दीन ने नोटिस जारी करने की चेतावनी के साथ हड़ताल खत्म करने को कहा। लेकिन उसे भी डाक्टरों ने अनसुना कर दिया। उधर, कर्मचारी संयुक्त परिषद एवं आयकर कर्मचारी संघ ने भी डॉक्टरों की हड़ताल में समर्थन का ऐलान किया है।

लखनऊ में ट्रामा सेंटर की इमरजेंसी सेवाएं पूरी तरह ठप रहीं। बलरामपुर व सिविल अस्पताल भी मरीज भती्र नहीं किए गए। वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में भी रेजीडेंट डाक्टर हड़ताल पर चले गए। इससे आपात चिकित्सा, गहन चिकित्सा (आइसीयू) व कार्डियो केयर यूनिट में कामकाज ठप हो गया। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में हड़ताल का खासा असर रहा है।

इलाहाबाद के मोतीलाल नेहरू चिकित्सा विज्ञान संस्थान के मेडिकल छात्रों ने नारेबाजी करते हुए मेडिकल चौराहे तक जुलूस निकाला और मानव श्रृंखला बनाकर विरोध जताया। जिससे स्वरूपरानी नेहरू मंडलीय चिकित्सालय (एसआरएन) की चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई है।

पश्चिमी यूपी में भी डॉक्टर एकजुट हैं। निजी क्लीनिक और हॉस्पिटल की ओपीडी बंद हैं। यहां भी नए मरीजों की भर्ती पर रोक लगा दी गई है। फीरोजाबाद, मथुरा, एटा और मैनपुरी में भी निजी चिकित्सकों की हड़ताल से मरीजों को भारी परेशानी हुई। मेरठ में ओपीडी सेवाएं बंद रहीं। जिससे बड़ी संख्या में मरीजों को वापस लौटना पड़ा।

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स्वास्थ्य मंत्री को बताई पीड़ा

केजीएमयू के जूनियर डॉक्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल ने कल स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अहमद हसन से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे डॉ. आलोक पांडेय ने बताया कि कैबिनेट मंत्री ने डॉक्टरों की मांगों पर गंभीरता से विचार करने के लिए एक दिन का समय मांगा है। डॉ. आलोक ने बताया कि कानपुर में गिरफ्तार डॉक्टरों की रिहाई के लिए स्वास्थ्य मंत्री को सोमवार शाम तक का समय दिया गया है। अगर निर्धारित समय में गिरफ्तार सभी डाक्टरों की रिहाई के साथ दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी, तो सोमवार की शाम से ही इमरजेंसी सेवाएं रोक जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले जाएंगे।

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24 डाक्टर गए जेल

जूनियर डाक्टरों और सपा विधायक इरफान सोलंकी के बीच हुए बवाल के मामले में पुलिस ने 24 जूनियर डाक्टरों को शनिवार रात जेल भेज दिया। डाक्टरों के खिलाफ मुकदमा सपा विधायक की तहरीर पर, जबकि दो पुलिस की ओर से दर्ज हुए थे। डॉक्टरों को जेल भेजने से पहले एसीएमएम के समक्ष पेश किया गया।

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