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प्रदेश के 26 माध्यमिक व परिषदीय शिक्षकों को राज्य अध्यापक पुरस्कार

प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों के नौ और परिषदीय स्कूलों के 17 शिक्षकों को वर्ष 2015 के राज्य अध्यापक पुरस्कार से नवाजा गया।

By Ashish MishraEdited By: Updated: Mon, 05 Sep 2016 08:37 PM (IST)
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लखनऊ ( जेएनएन)। अध्यापन में उत्कृष्टता के लिए सोमवार को प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों के नौ और परिषदीय स्कूलों के 17 शिक्षकों को वर्ष 2015 के राज्य अध्यापक पुरस्कार से नवाजा गया। गन्ना संस्थान सभागार में आयोजित समारोह में माध्यमिक शिक्षा मंत्री बलराम यादव और बेसिक शिक्षा मंत्री अहमद हसन ने शिक्षकों को सम्मानित किया। चुने गए एक-एक सर्वश्रेष्ठ विद्यालयों को भी पुरस्कृत किया गया। सम्मानित शिक्षकों को दस हजार रुपये की पुरस्कार राशि, प्रशस्ति पत्र व अंगवस्त्र दिया गया।

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शिक्षकों को सम्मानित करने से पहले बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह अध्यापकों को खरी-खोटी सुनाने का मौका नहीं है। लेकिन यह कहने से नहीं चूके कि गरीब, बेसहारा लोग जिन उम्मीदों से अपने बच्चों को आपके हवाले करते हैं, यदि आपने उनके भरोसे को तोड़ा तो समाज के साथ इससे बड़ा कोई विश्वासघात नहीं होगा। शिक्षक अपने पेशे की गरिमा को महसूस नहीं करते।

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इस पर भी आत्ममंथन करने को कहा कि निजी स्कूलों के शिक्षक कम वेतन, कम शैक्षिक योग्यता व अनुभव के बावजूद सरकारी स्कूलों से बेहतर परिणाम दे रहे हैं। चेताया भी कि खंड शिक्षा अधिकारियों के साथ साठगांठ कर स्कूल न जाने वाले शिक्षकों को वह गांव में जाकर दुरुस्त भी करेंगे। कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारी अब स्कूलों के ज्यादा दौरे करेंगे। उन्होंने बताया कि अखिलेश सरकार अब तक 2.63 लाख शिक्षकों की भर्ती कर चुकी है और अपना कार्यकाल पूरा करने तक साढ़े तीन लाख शिक्षकों का चयन हो सकेगा।

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माध्यमिक शिक्षा मंत्री बलराम यादव ने कहा कि सरकारी शिक्षा व्यवस्था पर समाज तो अंगुली उठा ही रहा था, अब हाई कोर्ट ने भी निर्देशात्मक आदेश दिया है कि जब तक राजनेताओं, नौकरशाहों और जनप्रतिनिधियों के बच्चे परिषदीय स्कूलों में नहीं पढ़ेंगे, उनकी हालत सुधरने वाली नहीं। आज आप-हम तो क्या, गरीब आदमी भी सीबीएसई बोर्ड की तरफ भाग रहा है। यह बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभागों के लिए बड़ी चुनौती है। सरकारी और परिषदीय स्कूलों के शिक्षक अपनी मांगे तो मनवाते जा रहे हैं

लेकिन उन्हें यह भी सोचना चाहिए कि जो विभाग अपनी प्रासंगिकता को नहीं बनाये रखेंगे, वे आने वाले वर्षों में बंद हो जाएंगे। बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री वसीम अहमद ने कहा कि जब बच्चे किताब में लिखा नहीं पढ़ पाएंगे तो शिक्षकों का सम्मान कैसे बचेगा। समारोह को सचिव बेसिक शिक्षा अजय कुमार सिंह, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह, निदेशक माध्यमिक शिक्षा अमरनाथ वर्मा, निदेशक बेसिक शिक्षा डीबी शर्मा और निदेशक साक्षरता अवध नरेश शर्मा ने भी संबोधित किया।

माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री की खरी-खरी

माध्यमिक शिक्षा मंत्री विजय बहादुर पाल ने अपने चिरपरिचित अंदाज में खरी-खरी सुनाई। उन्होंने कहा कि शिक्षक दिवस राष्ट्रीय पर्व का दर्जा नहीं हासिल कर पाया। तहसील दिवस की तरह इसे सभी तहसीलों, थानों में जनता की मौजूदगी में मनाना चाहिए। समाज चिकने गाल को चाटने लगा है। खाकी वर्दी के रौब, रुतबे व धौंस से सभी भयभीत होते हैं लेकिन शिक्षकों को सम्मान नहीं मिलता है। लक्ष्मी रुतबे में है लेकिन सरस्वती बौनी होती जा रही है। शिक्षकों को यह भय भी दिखाया कि यदि उन्होंने दूसरे के बच्चों को अपना समझ कर जतन से नहीं पढ़ाया तो उनके सिर पर पाप की गठरी फूटेगी। यह भी बोले कि जब तक शिक्षक भूखा है, ज्ञान का सागर सूखा है।

सुविधाएं सरकारी और पढ़ाई निजी स्कूलों में

प्रमुख सचिव माध्यमिक व उच्च शिक्षा जितेंद्र कुमार ने कहा कि यह बहुत बड़ा सवाल है कि सब नौकरी तो सरकारी स्कूलों में करना चाहते हैं लेकिन बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं निजी विद्यालयों में। बच्चे भी सुविधाएं सरकारी विद्यालयों से ले रहे हैं लेकिन पढऩे जाते हैं निजी स्कूलों में। धारणा बन गई है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती। हमें खुशी तब होगी जब यूपी बोर्ड के बच्चे भी प्रतियोगी परीक्षाओं में झंडे गाडें।

सम्मानित माध्यमिक शिक्षक

-राजेश कुमार सिंह तोमर, प्रधानाचार्य, बख्शी का तालाब इंटर कालेज, लखनऊ
-हर प्रसाद यादव, प्रधानाचार्य, श्री महावीर इंटर कालेज, जौहरी नगर, मैनपुरी
-डा. ब्रज भूषण बंसल, प्रधानाचार्य, सनातन धर्म इंटर कालेज, मेरठ
-सुरेंद्र नाथ विश्वकर्मा, सहायक अध्यापक, राजकीय जुबली इंटर कालेज, गोरखपुर
-डा. दिनेश चंद्र वशिष्ठ, प्रधानाचार्य, श्री गांधी स्मारक इंटर कालेज, एटा
-स्नेहलता सिंह, प्रधानाचार्या, श्री महावीर शिक्षा सदन इंटर कालेज, जैन नगर, मेरठ
-डा. कुदशिया अंजुम, प्रधानाचार्या, श्री ङ्क्षहदू कन्या विद्यालय इंटर कालेज, बाबा लालदास रोड, सहारनपुर
-रेखा रानी शर्मा, प्रधानाचार्य, श्री सनातन धर्म इंटर कालेज, बुढ़ाना गेट, मेरठ
-जय प्रकाश ओझा, सहायक अध्यापक, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, गोरखपुर

पुरस्कृत बेसिक शिक्षक

-राजेश्वरी देवी, सहायक अध्यापक, पूर्व माध्यमिक विद्यालय आसफाबाद चमन, बिजनौर
-लक्ष्मी देवी शर्मा, प्रधानाध्यापक, पूर्व माध्यमिक विद्यालय सुंदरपुर, पीलीभीत
-जय प्रकाश पांडेय, सहायक अध्यापक, पूर्व माध्यमिक विद्यालय पूरा प्रथम, फैजाबाद
-चंद्रभान, सहायक अध्यापक, पूर्व माध्यमिक विद्यालय चकिया चंदौली
-अखिलेश कुमार, सहायक अध्यापक, पूर्व माध्यमिक विद्यालय ज्ञानपुर, भदोही
-जफर अख्तर, प्रधानाध्यापक, पूर्व माध्यमिक विद्यालय भदेसा, कानपुर देहात
-गंगाराम, प्रधानाध्यापक, उच्च प्राथमिक विद्यालय बरहा, पीलीभीत
-सादिक अली, प्रधानाध्यापक, पूर्व माध्यमिक विद्यालय गगहा, गोरखपुर
-मोहम्मद यामीन, सहायक अध्यापक, पूर्व माध्यमिक विद्यालय गढ़ी दौलत, शामली
-राजकिशोर, सहायक अध्यापक, पूर्व माध्यमिक विद्यालय मझौआ गंगापुर, बरेली
-नंदू प्रसाद गुप्ता, सहायक अध्यापक, पूर्व माध्यमिक विद्यालय कोदरीपाली, गोरखपुर
-ध्रुव पति यादव, प्रधानाध्यापक, पूर्व माध्यमिक विद्यालय अहरा मुंडेरवा, बस्ती
-संतोष कुमार, ब्लॉक सहायक अध्यापक, पूर्व माध्यमिक विद्यालय नगला लीलाधर, एटा
-सुरेश सिंह यादव, प्रधानाध्यापक, उच्च प्राथमिक विद्यालय कुंवरपुर बनवारी, कन्नौज
-विजय कुमार मिश्रा, प्रधानाध्यापक, पूर्व माध्यमिक विद्यालय हरनी, रायबरेली
-श्याम सिंह, सहायक अध्यापक, पूर्व माध्यमिक विद्यालय आलमपुर गावड़ी, बिजनौर
-मंजू शर्मा, प्रधानाध्यापक, प्राथमिक विद्यालय नंबर-2 सिवाय दौराला, मेरठ

यूपी बोर्ड मेधावियों को पंचानन राय पुरस्कार
इस मौके पर वर्ष 2016 की यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा के टॉपर्स को पंचानन राय स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। हाईस्कूल परीक्षा के लिए सौम्या पटेल व अनुपम सिंह और इंटरमीडिएट परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए साक्षी वर्मा, अभय बंसल व हिमांशु प्रताप सिंह को 10-10 हजार रुपये की राशि प्रदान कर पुरस्कृत किया गया।

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