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पैसों के लिए यूक्रेन में महिला मित्र ने की थी मेडिकल छात्रों की हत्या

यूक्रेन में पश्चिमी यूपी के तीन छात्रों पर हमला कर दो की हत्या करने वाली युवती उनकी महिला मित्र ही निकली। पुलिस की पूछताछ में महिला मित्र ने कबूल किया है कि एक माह पहले उसने तीनों छात्रों से दोस्ती की थी। उसे शक था कि छात्रों के पास मोटी

By Ashish MishraEdited By: Updated: Wed, 13 Apr 2016 10:00 AM (IST)
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लखनऊ। यूक्रेन में पश्चिमी यूपी के तीन छात्रों पर हमला कर दो की हत्या करने वाली युवती उनकी महिला मित्र ही निकली। पुलिस की पूछताछ में महिला मित्र ने कबूल किया है कि एक माह पहले उसने तीनों छात्रों से दोस्ती की थी। उसे शक था कि छात्रों के पास मोटी रकम है, इसलिए लूट की योजना बनाई। इसमें दो आपराधिक प्रवृत्ति के अपने दोस्त शामिल किए। घटना वाली रात बाहर पार्टी की, इसके बाद लौटकर उनके घर में शराब पी गई थी। जब तीनों छात्रों ने लूट का विरोध किया, तो मजबूरन उन पर हमला करना पड़ा।

यूक्रेन में 10 अप्रैल की रात तकरीबन तीन बजे वेस्ट यूपी के तीन मेडिकल छात्रों पर हमला किया गया था। इसमें मुजफ्फरनगर के प्रणव शांडिल्य और मुरादाबाद के अंकुर सिंह की मौत हो गई थी, जबकि आगरा का इंद्रजीत सिंह गंभीर रूप से घायल हुआ था। इसकी जानकारी पर विदेश मंत्रालय में हड़कंप मच गया था। विदेश मंत्रालय के मुताबिक यूक्रेन पुलिस ने तीन हमलावरों को दबोच लिया। इसमें एक युवती भी शामिल है।

रूस के अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक युवती ने यूक्रेन पुलिस की पूछताछ में बताया कि वह उजहगोरोड शहर में ही एक दुकान में सेल्स गर्ल है। तीनों छात्रों की एक माह पहले उससे मुलाकात हुई थी। इसके बाद वे दोस्त बन गए। अक्सर युवती तीनों छात्रों के साथ डिनर करने बाहर जाती थी। उनके साथ रहते हुए उसे पता चला कि तीनों छात्र भारत से पढऩे आए हैं। उनके पास अच्छी खासी रकम है। इसकी जानकारी उसने अपने दो आपराधिक प्रवृत्ति वाले साथियों को दी थी। इसके बाद तीनों छात्रों को लूटने का प्लान बनाया गया। युवती ने पुलिस को बताया कि 10 अप्रैल की रात वह अपने दो दोस्तों के साथ तीनों छात्रों के कमरे पर पहुंची। वहां से सभी बाहर पार्टी करने निकले। देर रात वापस उन्हीं के कमरे में लौट आए, फिर वहां भी शराब पी गई। युवती ने बताया कि लड़के नशे में धुत थे। वह साथियों के साथ उनका सामान लेकर भाग रही थी, मगर दो छात्रों ने उन्हें पकड़ लिया। मजबूरन घर में रखे चाकू से उन पर हमला करना पड़ा।

मदद करना चाहती है सरकार तो भेजे बेटे के पास

यूक्रेन में जिंदगी से जंग लड़ रहे आगरा के इंद्रजीत सिंह चौहान की खबर पाने के लिए उसका परिवार हर समय मोबाइल की ओर ताकता रहता है। इस आस में कि काश घंटी बजे और बेटे की कुशलक्षेम मिले। न पासपोर्ट है, न ही विदेश जाने का किराया। ऐसे में परिवार परेशान है। सरकार की हमदर्दी मिलने पर परिवार की मांग है कि अगर सरकार वाकई मदद करना चाहती है तो उनके बच्चे के पास उन्हें भेजने की व्यवस्था करवाए। बुधवार को इंद्रजीत का परिवार इस संबंध में डीएम से भी मिलेगा।

यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने गए आवास विकास कॉलोनी सेक्टर-1 के रहने वाले इंद्रजीत व उसके दो साथियों पर 10 अप्रैल को कातिलाना हमला हुआ था। साथियों की मौत हो गई थी, जबकि इंद्रजीत घायल हो गए थे। इंद्रजीत का यूक्रेन के अस्पताल में भर्ती है। कई घंटे तक इंद्रजीत आईसीयू में रहा, मगर परिजनों के मुताबिक उसे आईसीयू से बाहर कर दिया गया है। घटना की जानकारी मिलने के बाद से इंद्रजीत के परिजन परेशान हैं।

नहीं मिल रही बेटे की कोई खबर

दो दिनों से पिता नरेन्द्र सिंह चौहान की रातें नहीं कट रहीं। मां और बहनों के आंसू नहीं थम रहे। सोमवार शाम बेटे से मोबाइल पर बात हुई थी। बोला था सिर में काफी चोट है, हालांकि वह ठीक है। इसके बाद से कोई भी फोन नहीं आया। मांगलवार को कई बार परिजनों ने बेटे का हाल जानने को फोन किया, मगर जवाब नहीं मिला। इंद्रजीत के पिता नरेन्द्र कहते हैं कि सरकार उन्हें बेटे का पास भिजवा दे। जब तक वे बेटे को देख नहीं लेते, तब तक चैन नहीं मिलेगा। इंद्रजीत के बारे में उसके रिश्तेदारों को जानकारी हुई तो मंगलवार को दिनभर आने-जाने वालों की घर में भीड़ लगी रही। परिवार को ढांढस बंधाने के लिए रिश्तेदार और मिलने वाले शाम तक आते रहे।

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