पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आसमान से खेतों में बरसी आफत
। उत्तर प्रदेश हफ्ते भर बाद फिर आसमानी मुसीबतों की गिरफ्त में आ गया। बीती रात तूफानी बरसात और ओलों ने बची खुची फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया। बारिश, आंधी और ओलों ने किसानों की रीढ़ तोड़ दी है और वे खून के आंसू रो रहे हैं।
By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Sun, 08 Mar 2015 09:42 PM (IST)
लखनऊ। उत्तर प्रदेश हफ्ते भर बाद फिर आसमानी मुसीबतों की गिरफ्त में आ गया। बीती रात तूफानी बरसात और ओलों ने बची खुची फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया। बारिश, आंधी और ओलों ने किसानों की रीढ़ तोड़ दी है और वे खून के आंसू रो रहे हैं।
मुरादाबाद मंडल में शनिवार को पूरी रात बारिश हुई। कभी तेज तो कभी हल्की बारिश के साथ हवाओं ने फिर सर्दी का एहसास करा दिया। गेहूं की फसल को सर्वाधिक नुकसान हुआ है। अमरोहा में शनिवार रात से शुरू हुई बारिश रविवार को भी जारी रही। रुक रुक कर हो रही बारिश से पहले से ही से बिछी गेंहू की फसल बर्बाद हो गयी है। मटर और टमाटर के साथ आलू, तिलहनी व दलहनी फसलों को भारी नुकसान हुआ है। रामपुर और सम्भल में भी बारिश किसानों के लिए मुसीबत बन गई। बिजनौर में बारिश और ओलों से गेहूं की 20 प्रतिशत फसल पूरी तरह नष्ट होने से किसानों को सौ करोड़ की चपत लगी है। गन्ना, तिलहन और आलू की फसल भी बर्बाद हो गयी। बरेली में रविवार को मार्च में बरसात का 28 साल का रिकार्ड टूट गया है। उत्तर-पश्चिम हवाएं चलने से मौसम ठंडा हो गया है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ सोमवार तक रहेगा। बारिश से गेहूं की फसल को 10 फीसद तक नुकसान पहुंचा है। गेहूं की फसल खेत में बिछ गयी है, जिसे चूहे कुतर रहे हैं।
सहारनपुर में सुबह आधे घंटे तक जमकर ओले पड़े और डेढ़ घंटा मूसलाधार बारिश हुई। कई स्थानों पर कच्चे मकान गिरने से 6 लोग घायल हो गए। मुख्यमार्गों पर पेड़ गिरने से यातायात व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गयी। भयंकर ओलावृष्टि से गेंहू सरसों सहित तमाम फसलें तबाह हो गई। सड़कों पर ओलों की चादर बिछ गयी। अनेक वाहनों को भी नुकसान पहुंचा। सहारनपुर मंडल के शामली और मुजफ्फरनगर जिलों का भी कमोवेश ऐसा ही हाल रहा। मेरठ मंडल में बागपत में सर्वाधिक नुकसान हुआ। जिले के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश व जबरदस्त ओलावृष्टि हुई। सुबह को बिन बारिश के ओले पड़े। कृषि विभाग के मुताबिक तेज तूफान से गेहूं व सरसों की 50 फीसद से अधिक फसल बर्बाद हो गई। आम के बौर को भी भारी क्षति हुई है। बुलंदशहर के दानपुर गांव में शनिवार देर रात आकाशीय बिजली गिरने से 22 वर्षीय चंचल की मौत हो गयी जबकि युवक नेत्रपाल बुरी हालत में झुलस गया।
आगरा मंडल में तेज हवा के साथ बूंदाबांदी हुई। पहले ही गेहूं और सरसों की फसल खराब हो जाने से मायूम किसानों के घावों पर आंधी-पानी ने नमक छिड़कने का काम किया। अलीगढ़ में शनिवार रात हुई बारिश के बाद रविवार को दिनभर धूप निकली। गोरखपुर में तीसरे दिन भी चटक धूप रही। सर्द पछुआ हवाओं का असर रहा। मौसम विभाग के अनुसार कुछ दिनों तक बादल रहेंगे। पूर्वी उत्तर प्रदेश में छिटपुट बारिश भी संभव है। वाराणसी में मौसम का मिजाज गर्म रहा। छिटपुट बादल भी दिखे। कानपुर और आसपास के कई जिलों में भी रविवार को बादल छाये रहे। कुछ स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी हुई। सोमवार को बूंदाबांदी की संभावना है। अफगानिस्तान से सक्रिय हुए पश्चिमी विक्षोभ के कारण देश के कई क्षेत्रों में बारिश हो सकती है। पश्चिमी विक्षोभ के निकट आने के लक्षण मुख्य रूप से वायुदाब का कम हो जाना, ताप का बढऩा व बादलों का घिर आना होता है। पहाड़ी क्षेत्रों में इस वायुदाब के चलते बर्फबारी होती है। मैदानी क्षेत्रों में पश्चिमी विक्षोभ आसमान में बादल छाने के साथ बारिश होने का कारण बनता है।15 मार्च तक रहेगी बारिश कानपुर स्थित चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. अनिरुद्ध दुबे ने बताया कि नौ मार्च को बूंदाबांदी के बाद तीन दिन तक मौसम सामान्य रहेगा। 13 मार्च से एक बार फिर मौसम करवट लेगा और तेज बारिश हो सकती है। यह बारिश 15 मार्च तक संभावित है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण होने वाली इस बारिश के बाद अधिकतम तापमान गिरेगा। 15 मार्च के बाद तापमान बढऩे का सिलसिला शुरू हो जाएगा जिससे गर्मी बढऩे लगेगी।
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