हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा कहां गए बीमारियों के लिए केंद्र से मिले 25 करोड़
यूपी में मच्छरजनित रोगों से होने वाली मौतों पर हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब-तलब किया है। पूछा केंद्र से मिले यह रुपये कहां गये।
By Ashish MishraEdited By: Updated: Fri, 07 Oct 2016 06:20 PM (IST)
लखनऊ (जेएनएन)। यूपी में मच्छरजनित रोगों से होने वाली मौतों पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने सरकार से जवाब-तलब किया है। आज हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता सुरेश पांडेय के वकील कुलदीपपति त्रिपाठी ने 2013-14 में यूपी को केंद्र की तरफ से मिले 24.98 करोड़ रुपये की रिपोर्ट दी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार में यह रकम मच्छरों से होने वाले रोग डेंगू मलेरिया व चिकुनगुनिया की रोकथाम के लिए दिए थे लेकिन इसका एक भी पैसा खर्च नहीं किया गया है।
डेंगू-चिकगुनिया पर SC सख्त, कहा-'मीटिंग कर चाय पी-नाश्ता किया रिजल्ट जीरो' वहीं दूसरी ओर प्रदेश सरकार की ओर से नगर विकास और स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को हलफनामा देकर लखनऊ में डेंगू से हुई मौतों के आंकड़े हाईकोर्ट को भेजे थे।उन्होंने कहा कि वे इसके लिए कार्यवाही कर रहे हैं और इसकाम के लिए अतिरिक्त समय की मांग की। हाईकोर्ट ने इस मामले पर प्रदेश सरकार से सवाल किया कि 2013-14 में केंद्र सरकार से मिले 24.98 करोड़ रुपये खर्च क्यों नहीं किए जा सके। साथ ही 2014-15 और 0215-16 में बीमारियों की रोकथाम के लिए केंद्र से कितना पैसा मिला और कितना खर्च हुआ इस पर भी जवाब मांगा।उपराज्यपाल नजीब जंग ने किया अस्पतालों का दौरा, देखें तस्वीरें
15 जुलाई 2016 को केंद्र सरकारी की तरफ से एडवाइजरी जारी करके कहा गया था कि डेंगू की जांच के लिए मरीजों से 600 से ज्यादा फीस नहीं ली जाएगी, हाईकोर्ट ने पूछा कि यूपी में इस एडवाइजरी का पालन करवाने के लिए क्या कदम उठाए गए।इसी याचिका में अधिवक्ता सुशील कुमार सिंह ने भी अपना पक्ष रखा उन्होंने बताया कि उनके डेंगू पीड़ित बेटे की मौत डॉक्टर के गलत इलाज से हो गई। हाईकोर्ट ने इस मामले में लखनऊ के सीएमओ से चिकित्सकीय लापरवाही का हलफनामा देने के लिए कहा।
15 जुलाई 2016 को केंद्र सरकारी की तरफ से एडवाइजरी जारी करके कहा गया था कि डेंगू की जांच के लिए मरीजों से 600 से ज्यादा फीस नहीं ली जाएगी, हाईकोर्ट ने पूछा कि यूपी में इस एडवाइजरी का पालन करवाने के लिए क्या कदम उठाए गए।इसी याचिका में अधिवक्ता सुशील कुमार सिंह ने भी अपना पक्ष रखा उन्होंने बताया कि उनके डेंगू पीड़ित बेटे की मौत डॉक्टर के गलत इलाज से हो गई। हाईकोर्ट ने इस मामले में लखनऊ के सीएमओ से चिकित्सकीय लापरवाही का हलफनामा देने के लिए कहा।
बाबा रामदेव ने बताई डेंगू के इलाज की आषधि इस दौरान प्रमुख सचिव नगर विकास मौजूद रहे। हाईकोर्ट ने एलडीए को भी इस मामले में वादी बनाने के निर्देश दिए हैं।वहीं प्रदेश सरकार को सारे सवालों के जवाब 17 अक्टूबर तक देने के आदेश दिए साथ ही डेंगू रोकने के लिए अब तक की गई कार्रवाई पर भी रिपोर्ट देनी होगी।
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