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हाकी खिलाड़ी करिश्मा ट्रेन से लापता, रिपोर्ट दर्ज

रांची में सम्पन्न राष्ट्रीय स्कूली हाकी (अंडर-17) प्रतियोगिता में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने वाली करिश्मा सोनकर ट्रेन से लापता हो गई है। करिश्मा टीम के साथ रांची से जलियांवाला बाग एक्सप्रेस से बरेली लौट रही थी। उसका पता न चलने पर घरवालों ने सूचना जीआरपी बरेली को दी है,

By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Mon, 12 Jan 2015 10:05 AM (IST)
लखनऊ। रांची में सम्पन्न राष्ट्रीय स्कूली हाकी (अंडर-17) प्रतियोगिता में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने वाली करिश्मा सोनकर ट्रेन से लापता हो गई है। करिश्मा टीम के साथ रांची से जलियांवाला बाग एक्सप्रेस से बरेली लौट रही थी। उसका पता न चलने पर घरवालों ने सूचना जीआरपी बरेली को दी है, जीआरपी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर खोजने में लगी है।

करिश्मा सोनकर (16) निवासी सुनगढ़ी, पीलीभीत उत्तर प्रदेश टीम के साथ सात जनवरी की रात झारखंड के रांची से जलियावाला बाग एक्सप्रेस में सवार हुई थी। टीम के अन्य खिलाड़ी एवं मैनेजर राहुल सिंह फैजाबाद स्टेशन पर उतर गए। इसके बाद सुपरफास्ट एक्सप्रेस बरेली को रवाना हो गई, खिलाड़ी दस जनवरी तक पीलीभीत नहीं पहुंची। इससे परिजनों को फिक्र हुई। लोक निर्माण विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मी पिता राम बहादुर सोनकर ने बेटी का कई बार फोन मिलाया लेकिन, उसका फोन बंद था। इस पर उसके भाई सौरभ सोनकर ने टीम मैनेजर से बात की, तो उन्होंने फैजाबाद तक साथ आने की बात कही। सौरभ सोनकर ने कल शाम बरेली जंक्शन जीआरपी थाने में करिश्मा सोनकर के लापता होने की तहरीर दी है।

अंडर-17 प्रतियोगिता खेलने गई थी रांची

दसवीं कक्षा की छात्र करिश्मा का पहले मंडल की टीम में, फिर उत्तर प्रदेश की टीम में चयन हो गया था। प्रदेश की टीम एक से सात जनवरी तक रांची में आयोजित अंडर-17 राष्ट्रीय हॉकी प्रतियोगिता में शामिल होने गई थी।

जांच में जुटी पुलिस

जीआरपी करिश्मा की तलाश में जुट गई है। उसका बंद मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगाया गया है। इसके लिए फैजाबाद से बरेली तक की स्टेशन थानों में भी जानकारी की जा रही है। पुलिस की एक टीम फैजाबाद भेजने की भी तैयारी है।

भाई ने छोड़ा था फैजाबाद

राष्ट्रीय स्कूली हाकी प्रतियोगिता में शिरकत करने जा रही करिश्मा को उसके भाई ने 31 दिसंबर की शाम फैजाबाद छोड़ा था। सौरभ ने बताया, कि कोच और मैनेजर 16 सदस्यीय हॉकी टीम के साथ 31 की रात को ही रवाना हो गए थे। प्रतियोगिता के दौरान उसने हर दिन परिवारवालों से बात भी की, लेकिन आठ तारीख से कोई बात नहीं हुई है। पहले सफर में होने के कारण नेटवर्क न मिलने की बात सोच रहे थे। मगर उसे शनिवार को घर पहुंचना था। वह नहीं पहुंची तो परिवार के लोग तलाश में जुटे।

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