UP के बाराबंकी में तीन मासूमों समेत पत्नी की निर्मम हत्या, Suicide नोट लिख पति ने लगाई फांसी
बाराबंकी के नगर के सफेदाबाद का मामला। कमरे से बदबू आने पर दो दिन बाद मिली लाशें। बेटे को लटका देख मां की निकली चीखें।
बाराबंकी, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में एक युवक ने अपने तीन मासूम बच्चों सहित पत्नी की गला काटकर निर्मम हत्या कर दी। सभी के शव खून से लथपथ थे। हत्या करने के बाद खुद फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह लाशें दो दिन बाद मिलीं। शवों के सड़न शुरू हो गई थी। मां ने छत पर चढ़कर आंगन में देखा तो इस सनसनीखेज मामले का खुलासा हुआ। नगर कोतवाल पंकज कुमार सिंह के मुताबिक, मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला है। जिसमें युवक ने हत्या कर आत्महत्या करने की बात लिखी थी।
ये है पूरा मामला
मामला नगर के सफेदाबाद का है। यहां के निवासी 40 वर्षीय विवेक शुक्ला प्रॉपर्टी का काम करता था। शुक्रवार की सुबह जब कमरों से बदबू आने लगी तो उसकी मां मिथलेश कुमारी ने छत पर चढ़कर आंगन में देखा तो उसके पुत्र विवेक का शव लटक रहा था। मां चिल्लाने लगी तब उसका छोटा लड़का मोहित शुक्ला आया तो उसने दरवाजा तोड़ा, उसके बाद पुलिस को सूना दी। पुलिस ने सभी कमरों को खुलकर देखा तो घर के पीछे वाले कमरे में विवेक की पत्नी अनामिका और उसके नौ वर्षीय बड़ी बेटी पोयम, छोटी बेटी सात वर्षीय रितू शुक्ला का शव खून से लथपथ पड़ा हुआ था। आगे के कमरे में चार वर्षीय बेटा बबल शुक्ला का शव मिला। पुलिस ने छानबीन की तो सुसाइड नोट और खून से सना चाकू मिला।
सुसाइड नोट में इंग्लिश में लिखा था कि मुझ पर लगातार कर्ज का बोझ बढ़ रहा था, आर्थिक तंगी से निपटने के लिए काफी प्रयास किया लेकिन हालात पर काबू नहीं पा सका, इसलिए परिवार के सभी सदस्यों को मारकर खुद आत्महत्या कर रहा हूं। मौके पर डॉग स्कॉयड की टीम की भी मदद ली गई, लेकिन कुछ सुराग नहीं मिले। वहीं विधि विज्ञान टीम ने मोबाइल, चाकू व अन्य समानों को कब्जे में लिया। ताकि हत्या की गुत्थी सुलझाई जा सके। मौके पर डीएम डॉ. आदर्श सिंह और एसपी डॉ. अरविंद चतुर्वेदी ने पहुंचकर जांच की और मृतक विवेक शुक्ला से पूरे मामले की तहरीर ली। वहीं आईजी अयोध्या डॉ. संजीव गुप्ता ने भी मौके पर पहुंचकर मामले की जानकारी ली।
मां और पिता से था अलगाव
विवेक की मां मिथलेश और पिता भुवन मोहन शुक्ला, उसके छोटे भाई मोहित शुक्ला, उसकी पत्नी, बच्चे से अलगाव था। परिवार में अनबन थी, कोई किसी से बोलता नहीं था। बगल में मृतक के भाई व मां-बाप रहते थे, उसके पास ही विवेक रहता था। मृतक के भाई मोहित ने बताया कि बड़े भाई से अनबन होने से वर्षों से बोलचाल नहीं थी। मुझे दो जून को दिखे थे, बाजार से पन्नी खरीदकर लाए थे। उसके बाद मुझे नहीं दिखे। जब बदबू आने लगी, तब मां ने छत पर चढ़कर देखा तो भाई का शव लटक रहा था।