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गहरे तक घुले तनाव और खौफ के बीच ईद सहारनपुर की ईद

लखनऊ। सहारनपुर में 22 मुकदमे और 43 गिरफ्तारियों के चलते यहां के लोगों की ईद फीकी रही। धर्म

By Edited By: Updated: Tue, 29 Jul 2014 08:26 PM (IST)
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लखनऊ। सहारनपुर में 22 मुकदमे और 43 गिरफ्तारियों के चलते यहां के लोगों की ईद फीकी रही। धर्म स्थल की जमीन के विवाद में सांप्रदायिक हिंसा की आग में झुलसने के बाद गहरे तक घुले तनाव और खौफ के बीच ईद मनी। प्रशासन ने मंगलवार को ईद के मद्देनजर सुबह सात से 11 बजे तक ढील की घोषणा की थी, लेकिन इसे एक घंटा और बढ़ा दिया। मस्जिदों में भीड़ कम रही, जबकि ईदगाह में बड़ी संख्या में नमाजियों ने सुरक्षा बलों के साए में नमाज अदा की। विरोध स्वरूप कुछ नौजवानों ने हाथों पर काली पंट्टी बांधी। मंगलवार को कोई अप्रिय घटना नहीं हुई, लेकिन धार्मिकस्थलों में तोड़फोड़, फायरिंग और आगजनी की अफवाहों ने पुलिस की सांस फुला दी। क‌र्फ्यू का उल्लंघन करने पर पैरामिल्ट्री फोर्स का डंडा चला, जिसमें दो दर्जन से अधिक लोग चोटिल हुए।

सहारनपुर के इतिहास में शायद यह पहला मौका था, जब ईद की खुशियों पर बूटों की ठक-ठक और फोर्स की गाड़ियों के सायरन हावी थे। ईद पर जगह-जगह जहां मेले और उत्सव जैसा माहौल रहता था, वहां अविश्वास भरा खौफ घुला था। मिठाई तक की दुकानें खुली नहीं दिखीं। मंगलवार को चौथे दिन क‌र्फ्यू में पूरी तरह ढील नहीं दी गई, लेकिन ईद की नमाज को ध्यान में रखते हुए पुराने शहर में क‌र्फ्यू में पांच घंटे की छूट दी गई। नए शहर में शाम तीन बजे से शाम सात बजे तक क‌र्फ्यू में ढील दी गई, जबकि घंटाघर से नकुड़ चौक तक क‌र्फ्यू में कोई ढील न दिए जाने से कई कालोनियों घरों में कैद रहीं। इस रास्ते पर छूट इसलिए नहीं दी गई, क्योंकि इससे भीड़ के गुरुद्वारा रोड पर जाने की आशंका थी और दोनों पक्ष आमने-सामने आ सकते थे। ईद के दिन क‌र्फ्यू में छूट के बाद भी शहर बहुत गहरे तक उदास नजर आया और सड़कों पर एक समय नमाजियों की भीड़ के बाद फिर सन्नाटा पसर गया। पुराने शहर में क‌र्फ्यू में ढील के बाद भी नेहरू मार्किट, रायवाला, शहीद गंज, नखासा बाजार में सिर्फ इक्का-दुक्का दुकानें खुलीं। मस्जिदों में नमाज पढ़ने का क्रम सुबह 7.30 बजे शुरू हो गया था पर जामा मस्जिद को छोड़कर अन्य मस्जिदों में भीड़ कम रही। उलेमा ने अपील की थी कि लोग घरों के पास की मस्जिद में नमाज पढ़े, लेकिन इसके बावजूद ईदगाह में भार भीड़ जुटी। जामा मस्जिद में पर जब पुलिस ने कुछ नवयुवकों को काली पट्टी बांधे देखा तो उन्होंने ईदगाह समेत अन्य मस्जिदों में सुरक्षा बढ़ा दी। हालांकि ईद के मौके पर भी मस्जिदों में तकरीर नहीं हुई। नमाज के दौरान सुरक्षाकर्मियों ने ईदगाह को चारों ओर से घेर रखा था।

जिलाधिकारी संध्या तिवारी ने बताया कि अभी तक दंगे में 22 मुकदमे हुए हैं। 43 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। तीन लोगों की मौत, 34 घायल हुए हैं। एक पुलिस कर्मी, दो आरएएफ व दो होमगार्ड घायल हुए हैं। 165 दुकानों में आग लगी हैं।

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