मंदी के दौर में भी मोदी के नेतृत्व में भारत के विकास की गति तेज : जेटली
देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली का मानना है कि दुनिया में मंदी के दौर में भी भारत में विकास की गति काफी तेज है। मथुरा के वृंदावन में आज भारतीय जनता युवा मोर्चा के तीन दिनी अधिवेशन के अंतिम दिन अरुण जेटली ने अधिवेशन को संबोधित करने के साथ
By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Sun, 06 Mar 2016 06:33 PM (IST)
लखनऊ। देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली का मानना है कि दुनिया में मंदी के दौर में भी भारत में विकास की गति काफी तेज है। मथुरा के वृंदावन में आज भारतीय जनता युवा मोर्चा के तीन दिनी अधिवेशन के अंतिम दिन अरुण जेटली ने अधिवेशन को संबोधित करने के साथ ही युवाओं में जोश भरा।
जेटली ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ही योजना है कि जब विश्व मंदी के दौर से गुजर रहा है तब हम विकास के काम को गति प्रदान करते जा रहे हैं। इस दौरान भी कांग्रेस तथा अन्य दल अनर्गल मुद्दों को हवा देकर सरकार का ध्यान बंटाने में व्यस्त हैं। यह सब परेशान है, क्योंकि यह अपने मकसद में सफल नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राहुल व सोनिया गांधी देश तोडऩे की बात कर रहे हैं। इन लोगों ने ने कभी भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बहस नही की। इनको डर है कि अगर हमने भ्रष्टाचार की बात की तो हमारा भंडा फूटा जाएगा। कांग्रेस का मकसद किसी को अपने लक्ष्य से भटकाने का है। कांग्रेस ने याकूब व अफजल की फांसी का विरोध किया था। अब यह सभी लोग आतंकियो को शहीदों का दर्जा देकर नारेबाजी में व्यस्त हैं। विरोधी ताकतें देश को तोडऩे का काम कर रहीं। अब मौका है जब देश का युवा विरोधी ताकतों का जवाब देगा। जेटली ने कहा कि युवा सम्मेलन का महत्व होता है। युवा मोर्चा आजादी के बाद से राष्ट्रवाद का प्रतिक रही है।उन्होंने कहा कि हमारे देश में सौ वर्ष से एक विचारधारा देश की संस्कृति से जुड़ी रही। अलग-अलग संगठन के लोगो को भी यही विचार जोड़ता था। देश की एकता के लिए विचार जोड़ता है। इन्हें गर्व होता था शर्म नहीं। यह वामपंथियों की भी विचारधारा थी। जेटली ने कहा कि गांधीजी ने भारत छोड़ो की आवाज उठाई, तब कम्युनिस्ट ने आजादी आंदोलन का विरोध किया। आजादी आई तो वामपंथियों ने लोकतंत्र में विश्वास नहीं किया। इन लोगो ने आंदोलन के नाम पर हिंसा की।
जेटली ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर ने कहा था कि देश में सभी लोग संविधान को स्वीकार कर लेंगे, लेकिन कम्युनिस्ट नहीं करेंगे। उन्हें अपने लिए आजादी चाहिए। ताकि इस संवैधानिक व्यवस्था को उखाड़ फेंके। 1962 में चीन से लड़ाई हुई। तब कम्युनिस्टों ने कहा कि आक्रमण भारत ने किया। चीन ने नहीं। इमरजेंसी में कम्युनिस्ट कांग्रेस के साथ था। इमरजेंसी को छोड़ दें तो कांग्रेस भी देश को तोडऩे वालो के खिलाफ थी।जेटली ने कहा कि आज वैचारिक लड़ाई का नया दौर शुरू हुआ। कोई याकूब मेनन तो कोई अफजल गुरु की याद में आयोजन कर रहा है। छोटा वर्ग जिहादियों और बड़ा वर्ग तोडऩे वालों का था। आज अफसोस कि कांग्रेस यह जिक्र कर रही है। इंदिरा गांधी, महात्मा गांधी तथा डॉ. बीआर अम्बेडकर ने यह सब नहीं किया। युवा मोर्च की जिमेदारी थी की इसकी खिलाफत करे। इसमे हम विजयी हुए। जेल के बाद जय हिन्द बोला। परिवर्तन को हम समझ लें।
जेटली ने कहा कि 2014 के चुनाव में तीन विषय थे। देश को नेतृत्व चाहिए। पीएम को निर्णय का अधिकार मिले तथा देश को देश मजबूत नेतृत्व मिले। जनता ने वंशवाद को नकार दिया। जनता ने भ्रष्टाचार को ठुकरा दिया। प्रधानमंत्री ने तीन पर बड़ी जिम्मेदारी से काम किया। उन्होंने वंशवाद, भ्रष्टाचार व भुखमरी से आजादी दिलवाई है। मोदी सरकार में कोई भष्टाचार नहीं हुआ। उन्होंने युवाओं से कहा कि व्यवहारिक बहस को आगे बढाइए। अब सरकार की उप्लब्धियों का प्रचार करिए। देश ऐसे ही आगे बढ़ता जाएगा।पहले पीएम को कोई पहचानता नहीं थाअधिवेशन में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पहले भारत के प्रधानमंत्री को कोई नहीं था। अब पूरी दुनिया भारत के प्रधानमंत्री को जान गई है। जिस देश में जाते हैं। वो देश मोदीमय हो जाता है। दुनिया में मोदीमंत्र गूंज रहा है। कांग्रेस भी मोदी मोदी करती है। इनको रात में सपने में भी मोदी दिखाई जाती है। जैसे बैल को लाल कपड़ा दिखने पर भड़क जाता है। वैसे ही मोदी का नाम आते ही कांग्रेस भड़क जाती है। आज मोदी विरोधी दलों की आंखों का कांटा बने हुए हैं। सम्पन्न भारत का निर्माण होने वाला है। भाजपा शासित राज्यों को देखिये।
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