लखनऊ मेट्रो को मिला कंपनी का दर्जा
लखनऊ। मंगलवार का दिन लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के लिए मंगलकारी रहा। परियोजना एक कदम और आगे
लखनऊ। मंगलवार का दिन लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के लिए मंगलकारी रहा। परियोजना एक कदम और आगे बढ़ गई। लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एलएमआरसी) को रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज की मंजूरी मिल गई है। कॉरपोरेशन एक स्वतंत्र संस्था के रूप में काम करेगा। तमाम नीतिगत निर्णय लेने का अधिकार एलएमआरसी के पास होगा। कंपनीज एक्ट 1956 की धारा-617 के प्रावधानों के अंतर्गत यह एक शासकीय कंपनी होगी, जो संसद और राज्य विधायिका के प्रति उत्तरदायी होगी। एलएमआरसी की कारपोरेट पहचान संख्या यू60300यूपी, 2013 एसजीसी060836 है। सचिव आवास एवं शहरी नियोजन राजीव अग्रवाल ने बताया कि पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी होने के साथ ही लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन अस्तित्व में आ गया है। उन्होंने कहा कि कॉरपोरेशन के गठन के बाद लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के कार्यो का त्वरित गति से निष्पादन संभव हो सकेगा। उन्होंने बताया कि एलएमआरसी द्वारा व्यवसाय प्रारंभ करने के लिए रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज से प्रमाण पत्र प्राप्त करने की औपचारिक कार्रवाई शुरू हो गई है और जल्द ही यह प्रमाणपत्र भी मिल जाएगा। एलएमआरसी के निदेशक मंडल की बैठक जल्द बुलाई जाएगी, जिसमे मेट्रो रेल परियोजना के क्रियान्वयन, स्टाफ भर्ती और वित्त पोषण आदि के निर्णय लिए जाएंगे।
यह होगा खास
-एलएमआरसी उत्तर प्रदेश और केंद्र की 50-50 सांझा स्वामित्व की संस्था होगी
-कंपनी को कुछ निर्णय लेने का अधिकार होगा और उसे खर्च करने के लिए एलडीए का मुंह नहीं देखना होगा।
-एलएमआरसी का अपना बैंक खाता होगा।
-कंपनी के चार निदेशक होंगे, जिसमे प्रमुख सचिव आवास, सचिव आवास, प्रमुख सचिव वित्त व मंडलायुक्त होंगे। कंपनी के चेयरमैन मुख्य सचिव होंगे।
-कंपनी के प्रमोटर में सचिव वित्त, प्रमुख सचिव परिवहन, एलडीए उपाध्यक्ष, डीएम, नगर आयुक्त होंगे
-कंपनी के निदेशकों की संख्या न्यूनतम तीन और अधिकतम 14 तक होगी
-कंपनी का प्रबंध निदेशक राज्य सरकार द्वारा नामित किया जाएगा
-कंपनी के पांच निदेशक केंद्र सरकार द्वारा और पांच निदेशक राज्य सरकार द्वारा नामित किया जाएगा, जबकि चार क्रियाशील निदेशक होंगे।
-एलएमआरसी की कैपिटल कॉस्ट दो हजार करोड़ रुपये रखी गई है
-पेड-अप कैपिटल पांच लाख रुपये है।
-कॉरपोरेशन का शेयर मूल्य सौ रुपये है
-कंपनी के निर्गत शेयर कैपिटल में केंद्र सरकार की न्यूनतम 50 प्रतिशत हिस्सेदारी होने पर सचिव शहरी विकास मंत्रालय अध्यक्ष होंगे, अन्यथा मुख्य सचिव अध्यक्ष रहेंगे।
मेट्रो पर एक नजर
-शुरुआती दौर में अमौसी से मुंशी पुलिया तक 23.733 किमी मेट्रो चलाने की योजना
-प्रथम चरण में अमौसी से आलमबाग तक सात किलोमीटर में होगा निर्माण
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर