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वाराणसी के विकास के लिए मेगा प्रोजेक्ट

लखनऊ। बनारस के पर्यटन विकास के लिए केंद्र सरकार ने 17.7 करोड़ रुपये का मेगा प्रोजेक्ट बनाया

By Edited By: Updated: Sun, 03 Aug 2014 10:39 AM (IST)
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लखनऊ। बनारस के पर्यटन विकास के लिए केंद्र सरकार ने 17.7 करोड़ रुपये का मेगा प्रोजेक्ट बनाया है। धार्मिक महत्व वाले नगरों में पर्यटन विकास के लिए 100 करोड़, देश में पर्यटक सर्किट के लिए 500 करोड़ और पर्यटन की दृष्टि से वाराणसी समेत 24 रेलवे स्टेशनों के विकास के लिए 12.5 करोड़ रुपये की योजना है। उसमें बनारस का भी हिस्सा है।

कल केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री श्रीपद नाईक टूरिस्ट गाइड्स फेडरेशन आफ इंडिया के महाधिवेशन में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे। उनका कहना था कि गाइड भारत के ब्रांड अंबेसडर हैं, विदेशियों के समक्ष देश की छवि बनाते हैं। गाइडों के लिए बीमा और पेंशन की योजना बन रही हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन विकास की योजनाओं से बनारस को लाभ मिलेगा। इस दिशा में गाइडों को भी आगे आना चाहिए।

मंत्री के सामने गाइडों का हंगामा

केंद्रीय मंत्री श्रीपद नाईक की मौजूदगी में कल देश भर से आए गाइडों ने हंगामा किया। महाधिवेशन में हालात इस कदर बिगड़े कि महापौर रामगोपाल मोहले संग मंत्री को बाहर जाना पड़ा। पूरे मामले की जड़ में फेडरेशन के संरक्षक सुभाष गोयल का धन्यवाद भाषण था। उनकी ओर से ट्रेवल एजेंटों को विदेशी व क्षेत्रीय भाषा के गाइड का दर्जा देने संबंधी सुझाव पर दिल्ली व अन्य प्रदेशों से आए गाइड भड़क गए और नारेबाजी करने लगे। हंगामा एक घंटे चलता रहा। काफी समझाने-बुझाने के बाद मामला शांत हुआ। पूरे प्रकरण से दुखी संरक्षक ने बाद में मंच से इस्तीफा देने की घोषणा की और चले गए। महाधिवेशन संयोजक शैलेश त्रिपाठी ने कहा कि कहीं कोई विवाद नहीं था। यह मामला तीन माह पुराना था। इस पर मंत्रालय नियमानुसार व्यवस्था देने का आश्वासन दे चुका है। यह तो महाधिवेशन को विफल करने की एक साजिश थी।

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