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चार और शहरों में मेट्रो रेल की ओर बढ़े कदम

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता वाली मंत्रि परिषद ने लखनऊ में मेट्रो का कार्य शुरू होने बाद अब कानपुर, मेरठ और आगरा में मेट्रो चलाने की प्रक्रिया शुरू करने को मंजूरी दे दी। इन शहरों में मेट्रो के संचालन संबंधी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने को कंसल्टेंट संस्था के

By Nawal MishraEdited By: Updated: Tue, 30 Dec 2014 08:41 PM (IST)
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जागरण ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने चार और शहरों कानपुर, आगरा, मेरठ व वाराणसी में मेट्रो रेल के संचालन के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कराने का निर्णय किया है। महिलाओं के कल्याणार्थ मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में महिला सशक्तीकरण मिशन गठित होगा। मदरसों में आधुनिक विषय पढ़ाने वाले शिक्षकों को अतिरिक्त मानदेय देने और जैव प्रौद्योगिकी नीति को भी मंजूरी दी गई है।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज कैबिनेट बैठक में इनके निर्णय हुए। कैबिनेट ने कानपुर नगर, आगरा, मेरठ व वाराणसी नगर में मेट्रो रेल परियोजना के संचालन के लिए फिजिबिलिटी स्टडी व डीपीआर तैयार करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। निर्णय हुआ कि कानपुर नगर, आगरा, मेरठ व वाराणसी में डीपीआर तैयार करने को कंसल्टेंट का चयन खुली निविदा के माध्यम से प्रतिस्पर्धात्मक प्रस्ताव प्राप्त करने के निर्णय में संशोधन करते हुए निविदा के स्थान पर नामांकन के आधार पर भारत सरकार की अनुभवी व विशेषज्ञ संस्था राइट्स को नामांकित किए जाने व नामांकन के माध्यम से सीधे राइट्स का चयन किया जाएगा।

ऐसा करने पर यदि भारत सरकार की मेट्रो रेल नीति के अनुसार 50 प्रतिशत अनुदानित धनराशि नहीं दी जाती है तो उक्त धनराशि का वहन भी संबंधित विकास प्राधिकरण अपने स्त्रोतों से करेंगे। कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश जैव प्रौद्योगिकी नीति 2014 को अनुमोदित कर दिया है। इस नीति के लागू हो जाने पर वैज्ञानिक, औद्योगिक तथा आर्थिक विकास की योजनाओं और गतिविधियों को और गति मिलेगी।

नीति के क्रियान्वयन के लिए विज्ञान व प्रौद्योगिकी परिषद को नोडल संस्था का दायित्व दिया गया है। संगठित क्षेत्र के निवेश के लिए आकर्षित कर राज्य को जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में प्रमुख स्थान दिलाना तथा जैव प्रौद्योगिकी इकाइयों व संबंधित क्षेत्रों के औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने के लिए विशेष इंसेंटिव दिया जाना इस नीति के उद्देश्यों में शामिल हैं। प्रदेश सरकार जैव प्रौद्योगिकी के प्रचार एवं विकास के लिए राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भागीदारी कर शोध को उपयोगी बनाएगी और एक डाटा बेस बनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय जैव प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड का गठन होगा तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के स्तर पर बायोटेक्नोलॉजी डेवलपमेंट सेल गठित होगी। कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश महिला नीति 2006 के क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य महिला सशक्तीकरण मिशन के गठन का निर्णय किया है। यह मिशन महिलाओं के हितार्थ विभिन्न विभागों द्वारा संचालित योजनाओं व कार्यक्रमों के सफल कार्यान्वयन के लिए समन्वय, पर्यवेक्षण व अनुश्रवण करेगा।

मिशन की सहायता के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य अनुश्रवण समिति गठित की जाएगी। उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मी बाई महिला सम्मान कोष नियमावली के प्रख्यापन को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके अलावा रानी लक्ष्मी बाई आशा ज्योति केंद्रों की स्थापना व महिला सशक्तीकरण के लिए प्रशासनिक व्यवस्था संबंधी प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। नियमावली के प्रख्यापन का मूल उद्देश्य हिंसा से प्रभावित महिलाओं के लिए तत्काल आर्थिक और चिकित्सा सहायता दिए जाने के साथ समस्त श्रेणी की पात्र बालिकाओं व महिलाओं के लिए आर्थिक, चिकित्सा और शैक्षणिक सहायता उपलब्ध कराया जाना है।

कोष के संचालन के लिए वित्तीय वर्ष 2015-16 में 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाएगा और आवश्यकतानुसार आगे वृद्धि भी की जाएगी। कोष का संचालन पारदर्शी व ऑनलाइन होगा। इस वेब पोर्टल काविकास राज्य अनुश्रवण समिति के निर्देशन में एनआइसी करेगा। यह कोष राज्य बजट से संचालित किया जाएगा किन्तु इसमें राज्य सरकार के अलावा केंद्र सरकार, सरकारी उपक्रमों, जनसामान्य और अन्य संगठनों से भी धनराशि प्राप्त करने का प्रावधान किया गया है।

महिला सशक्तीकरण के लिए 11 जिलों आगरा, बरेली, मेरठ, नोएडा, गाजियाबाद, कानपुर, कन्नौज, लखनऊ, इलाहाबाद, गोरखपुर तथा वाराणसी में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में रानी लक्ष्मी बाई आशा ज्योति केंद्रों की स्थापना की जाएगी जहां बालिकाओं व महिलाओं को उनसे जुड़ी सभी योजनाओं का लाभ एक ही छत के नीचे मिल सकेगा। केंद्रों पर हेल्पलाइन सेवाएं (1090 विमेन पावर लाइन, 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन, 108 समाजवादी स्वास्थ्य सेवा) आपस में जुड़ी रहेंगी। केंद्र का प्रशासक संबंधित विभागों की सेवाओं में समन्वय स्थापित करने का कार्य करेगा। प्रस्तावित 11 जिलों में केंद्रों की स्थापना के लिए प्रति केंद्र पांच करोड़ रुपये के हिसाब से वित्तीय वर्ष 2015-16 में 55 करोड़ रुपये की धनराशि दी जाएगी।

<ह्यश्चड्डठ्ठ ह्यह्लब्द्यद्ग="ष्श्रद्यश्रह्म: ह्मद्दढ्ड(153, 51, 0);">मदरसा शिक्षकों को मिलेगा अतिरिक्त मानदेय

मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत आधुनिक विषयों के शिक्षकों को प्रतिमाह अतिरिक्त मानदेय दिया जाएगा। इंटरमीडिएट शैक्षिक अर्हता रखने वाले शिक्षकों को एक हजार रुपये, स्नातक, परास्नातक व स्नातक के साथ बीएड शिक्षकों को दो हजार रुपये और परास्नातक के साथ बीएड शिक्षकों को प्रतिमाह तीन हजार रुपये की अतिरिक्त धनराशि प्रदान की जाएगी।

इस समय भारत सरकार द्वारा इंटरमीडिएट शैक्षिक अर्हता रखने वाले शिक्षकों को तीन हजार रुपये, स्नातक, परास्नातक तथा स्नातक के साथ बीएड शिक्षकों को छह हजार रुपये तथा परास्नातक के साथ बीएड शिक्षकों को प्रतिमाह 12 हजार रुपये मानदेय प्रदान किया जा रहा है। कैबिनेट के फैसले के तहत इंटरमीडिएट अर्हता वाले शिक्षकों को चार हजार रुपये, स्नातक, परास्नातक, स्नातक के साथ बीएड शिक्षकों को आठ हजार रुपये तथा परास्नातक के साथ बीएड शिक्षकों को प्रतिमाह 15 हजार रुपये मानदेय कतिपय शर्तों व प्रतिबंधों के अधीन मिलेगा। कैबिनेट ने इस सम्बंध में किसी प्रकार केपरिवर्तन मुख्यमंत्री को अधिकृत भी कर दिया है।

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