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उप खनिज खनन पट्टे अब पांच वर्ष तक, संशोधित नियमावली जारी

उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश उप खनिज नियमावली (38 वां संशोधन) 2015 जारी कर दी है। कैबिनेट ने उप खनिज (परिहार) नियमावली-1963 के 38वां संशोधन को अनुमोदित कर दिया था। इसके तहत नदी तल में अनन्य रूप से पाये जाने वाले उप खनिजों जैसे बालू, मोरंग, बजरी, बोल्डर आदि

By Nawal MishraEdited By: Updated: Thu, 16 Jul 2015 09:44 PM (IST)
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश उप खनिज नियमावली (38 वां संशोधन) 2015 जारी कर दी है। कैबिनेट ने उप खनिज (परिहार) नियमावली-1963 के 38वां संशोधन को अनुमोदित कर दिया था। इसके तहत नदी तल में अनन्य रूप से पाये जाने वाले उप खनिजों जैसे बालू, मोरंग, बजरी, बोल्डर आदि के खनन पट्टों की अवधि तीन वर्ष से बढ़ाकर पांच वर्ष किए जाने तथा वर्तमान में स्वीकृत उप खनिजों के खनन पट्टों की अवधि को तीन वर्ष से बढ़ाकर पांच वर्ष करने जैसे संशोधन शामिल किए गए हैं।

नदी तल में मिश्रित अवस्था में पाए जाने वाले उप खनिजों की स्थिति को देखते हुए इनके पट्टों के द्वितीय नवीनीकरण के संबंध में विचार किए जाने संबंधी संशोधन भी किए गए हैं। द्वितीय नवीनीकरण इस शर्त के साथ किया जा सकता है कि पट्टाधारक वार्षिक धनराशि या अपरिहार्य भाटक की दोगुनी धनराशि, वार्षिक धनराशि अथवा अपरिहार्य भाटक के रूप में भुगतान करेगा और अवधि पट्टे की मूल अवधि से अधिक नहीं होगी।

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