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आगरा में ईसाई धर्म प्रचारकों को बंधक बनाया

आगरा में धर्मांतरण का मुद्दा गरमाने के बीच आज ताजगंज के महुआखेड़ा गांव में ईसाई धर्म प्रचारकों को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया। प्रचारकों द्वारा लालच देकर धर्म परिवर्तन की कोशिश के विरोध में करीब दो घंटे तक बंधक बनाने के बाद पुलिस बुलाकर उसके सुपुर्द कर दिया। वहीं, प्रचारकों

By Nawal MishraEdited By: Updated: Fri, 26 Dec 2014 08:22 PM (IST)
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लखनऊ। आगरा में धर्मांतरण का मुद्दा गरमाने के बीच आज ताजगंज के महुआखेड़ा गांव में ईसाई धर्म प्रचारकों को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया। प्रचारकों द्वारा लालच देकर धर्म परिवर्तन की कोशिश के विरोध में करीब दो घंटे तक बंधक बनाने के बाद पुलिस बुलाकर उसके सुपुर्द कर दिया। वहीं, प्रचारकों का कहना था कि वह चर्च बनाने के लिए जमीन देखने गए थे।

घटना दोपहर लगभग साढ़े ग्यारह बजे की है। शाहगंज के ज्योति नगर निवासी ईसाई धर्म प्रचारक परशुराम, चार्ली जॉन तथा मुनियार पल्ली ताजगंज के महुआखेड़ा गांव पहुंचे। वहां चौपाल पर जुटी महिलाओं और बच्चों के अलावा कुछ युवक भी थे। प्रचारक उन्हें बच्चों को मुफ्त शिक्षा के लिए कॉन्वेंट स्कूलों में प्रवेश दिलाने का लालच देने लगे। इसके साथ ही उनको ईसाई धर्म की खासियत बताते हुए चर्च में प्रार्थना के लिए आमंत्रित किया। प्रचारकों का कहना था कि इससे उनकी बीमारियां भी दूर हो जाएंगी। ग्रामीणों का कहना था कि प्रचारक धर्म से संबंधित प्रचार सामग्री बांटने लगे, जिस पर ग्रामीण भड़क गए। उन्होंने प्रचारकों पर धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया।

इस बीच गांव के अन्य लोग भी बड़ी संख्या में वहां जुट गए। प्रचारकों के बैग चेक किए, तो उसमें प्रचार सामग्री मिली। इस पर गांव वालों ने तीनों प्रचारकों को बंधक बना लिया। गांव के मनोज रावत, डॉ. राम प्रसाद यादव, वीरेंद्र यादव, रवि यादव, अनिल यादव, जीतू यादव आदि ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कंट्रोल रूम को सूचना दे दी। साथ ही ग्र्रामीणों को समझाया कि वे प्रचारकों के साथ किसी तरह की अभद्रता न करें। दोपहर लगभग डेढ़ बजे पुलिस गांव पहुंची। ग्रामीणों का पुलिस से कहना था कि प्रचारक लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश कर रहे थे।

दूसरी ओर, प्रचारकों ने इससे इंकार किया। पुलिस प्रचारकों परशुराम, चार्ली जॉन तथा मुनियार पल्ली को थाने लेकर आ गई। प्रचारकों ने पुलिस को बताया, वह धर्म परिवर्तन कराने के उद्देश्य से नहीं गए थे। उन्होंने ग्रामीणों को किसी तरह का लालच नहीं दिया, वह गांव में चर्च के लिए जमीन देखने गए थे। इस दौरान थाने पर भी काफी ग्रामीण जुटे रहे।

थानाध्यक्ष मधुर मिश्रा के मुताबिक तीनों प्रचारकों से लिखित में लिया गया है कि किसी गांव में जाने से पहले वह प्रशासनिक अनुमति लेंगे। पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया।

इनर रिंग रोड प्रकरण को लेकर आक्रोशित थे किसान

बताते हैं किसान इनर रिंग रोड को जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई को लेकर तनाव में चल रहे हैं। इससे पहले भी प्रचारक गांव में आए थे, लेकिन ग्रामीणों ने ध्यान नहीं दिया। शुक्रवार को जब फिर से गांव पहुंचे, तो महिलाओं और बच्चों के अलावा पुरुष भी मौजूद थे। पिछले दिनों वेद नगर तथा गढ़ी संपत समेत अन्य गांवों के प्रकरण उनके जेहन में थे।

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