अखिलेश यादव के मंत्रियों ने नौ करोड़ रुपये चाय-नाश्ता पर फूंके
उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव सरकार के मंत्रियों ने चार वर्ष में करीब नौ करोड़ रुपये चाय समोसे और मेहमाननवाजी पर उड़ा दिये।
लखनऊ (वेब डेस्क)। अखिलेश यादव सरकार का कार्यकाल पूरा होने में चंद महीने ही बाकी है। इस दौरान अखिलेश यादव के मंत्रियों ने विकास के कामों के दौरान करीब नौ करोड़ रुपए चाय-पानी पर ही फूंक दिया। विधानसभा सत्र में भाजपा के सुरेश खन्ना ने मंत्रियों तथा विधायकों के पाकेट खर्च पर जब ब्यौरा मांगा तब सीएम अखिलेश ने विस्तार से इसका जवाब दिया।लखनऊ शहर की मेहमाननवाजी तो दुनिया में मशहूर है।
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इसमें भी जब सरकार पैसा दे तो चार चांद लग जाते हैं। उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव सरकार के मंत्रियों ने चार वर्ष में करीब नौ करोड़ रुपये चाय समोसे और मेहमाननवाजी पर उड़ा दिये। विधानसभा के मानसून सत्र में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बताया कि उनकी सरकार के मंत्रियों ने 15 मार्च 2012 से 15 मार्च 2016 तक चाय, नाश्ते और मेहमाननवाजी पर 8 करोड 78 लाख 12 हजार 474 रूपये खर्च किये हैं।
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बीजेपी के नेता सुरेश खन्ना के सवाल के जवाब में उन्होंने बताया इस अवधि में करीब आधा दर्जन मंत्रियों ने चाय-समोसे पर 21 लाख रूपये से अधिक खर्च कर डाले। सीनियर मंत्री शिवपाल सिंह यादव खासे कंजूस साबित हुए और उन्होंने पाकेट मनी का एक भी पैसा खर्च नहीं किया।
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खर्च करने वाले मंत्रियों में सबसे आगे रहीं राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरूण कुमारी कोरी। कोरी ने 22 लाख 93 हजार 800 रूपये खर्च किए जबकि बेसिक शिक्षा राजयमंत्री कैलाश चौरसिया 22 लाख 85 हजार 900 रूपये के साथ दूसरे नंबर रहे।
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संसदीय कार्य व शहरी विकास मंत्री तथा पार्टी के फायरब्रांड नेता आजम खां ने तो कम ही लोगों को जलपान कराया, लेकिन उन्होंने भी इस मद में 22 लाख 86 हजार 620 रूपया खर्च कर दिया। सरकार से पिछले साल अक्टूबर में निष्कासित पूर्व मंत्री शिव कुमार बेरिया ने चाय नाश्ते पर 21 लाख 93 हजार 900 रूपया खर्च किया। मेहमाननवाजी पर 21 लाख रूपया से जयादा खर्च करने वाले मंत्रियों में आबकारी मंत्री रामकरन आर्य तथा जल संसाधन मंत्री जगदीश सोनकर शामिल है। मगर महिला कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) शादाब फातिमा ने तो एक वर्ष से भी कम के अपने कार्यकाल में 72 हजार 500 रूपये ही खर्च किया है।
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भाजपा प्रवक्ता ने इस खर्च को सरकारी खजाने की लूट बताया है। उनका मानना है सरकार प्रदेश में मूलभूत सुविधा जैसे शिक्षा व स्वास्थ्य के लिए धन की कमी का रोना रोती है, जबकि मंत्री करोडों चाय समोसे पर उडा देते हैं। सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने विपक्षी दलों पर इस मामले को लेकर बेवजह तूल देने का आरोप लगाते हुए कहा, यह खर्चा सरकारी बैठकों और मंत्रियों से मिलने आने वाले लोगों पर शिष्टाचार में करना पड़ता है और जरूरी है।