मुजफ्फरनगर दंगे के पांच आरोपी जेल भेजे
लखनऊ। मुजफ्फरनगर जनपद में हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान शहर कोतवाली क्षेत्र के एक आरोपी ने क
लखनऊ। मुजफ्फरनगर जनपद में हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान शहर कोतवाली क्षेत्र के एक आरोपी ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। कोर्ट ने आरोपी को जेल भेज दिया, जबकि फुगाना थानाक्षेत्र से भी हत्या, लूटपाट और आगजनी आदि धाराओं में दर्ज मामलों में चार आरोपियों को जेल भेजा गया है।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नरेंद्र कुमार की कोर्ट में गुरुवार को दंगे के आरोपी प्रेमपुरी निवासी संजय ने सरेंडर कर दिया। कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज करते हुए उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। आरोपी के खिलाफ दंगे के दौरान हत्या, लूटपाट, आगजनी और तोड़फोड़ आदि धाराओं में मुकदमे पंजीकृत हैं। इसी मामले में बुधवार को तेजपाल तेजा को भी कोर्ट ने जेल भेज दिया था। उधर, फुगाना थाना पुलिस ने दंगे के आरोपी खरड़ निवासी अशोक, गांव बहावड़ी निवासी बिंट्टू, पप्पू और उसके पुत्र रविंद्र को जेल भेज दिया गया।
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सरकार को झटका, विशेष अधिवक्ता कार्यमुक्त
मुजफ्फरनगर: मुजफ्फरनगर कोर्ट में दंगों के केसों में प्रभावी पैरवी के लिए विशेष अधिवक्ता की नियुक्ति आखिरकार सरकार को निरस्त करनी पड़ गयी। इसे सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
नियुक्ति में भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल होने से पहले ही राज्य सरकार ने नियुक्ति निरस्त कर दी। डीएम के आदेश पर विशेष अधिवक्ता नासिर अली को कार्यमुक्त भी कर दिया गया। सितंबर में सांप्रदायिक दंगों के बाद मुजफ्फरनगर कोर्ट में दंगों के केसों की प्रभावी पैरवी के लिए अधिवक्ता नासिर अली को 29 अक्टूबर को विशेष अधिवक्ता नियुक्त किया गया था। प्रत्येक सुनवाई के लिए उनको 11 हजार रुपये शुल्क दिया जाता था। इस नियुक्ति को घोर आपत्ति जनक और हिंदु-मुस्लिम के आधार पर बताते हुए सोशल एंड आरटीआई एक्टिविस्ट शाहिद हुसैन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
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