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नए सिरे से तय होगी नाबालिग की उम्र : मेनका

पीलीभीत (जागरण संवाददाता)। बढ़ते यौन अपराधों पर नकेल कसने के लिए केंद्र सरकार ने ठोस पहल शु

By Edited By: Updated: Sat, 02 Aug 2014 07:33 PM (IST)

पीलीभीत (जागरण संवाददाता)। बढ़ते यौन अपराधों पर नकेल कसने के लिए केंद्र सरकार ने ठोस पहल शुरू कर दी है। कोशिश है कि अक्सर तमाम घटनाओं में आरोपियों के नाबालिग होने और कार्रवाई में फंसने वाले पेंच दूर करना है। इसके लिए जुवेनाइल जस्टिस एक्ट में संशोधन की तैयारी है, जिसका मसौदा तैयार कर कैबिनेट के समक्ष पेश कर दिया गया है। बुधवार को संसद में इस पर चर्चा भी प्रस्तावित है।

अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे पर आईं केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने बताया कि अब वक्त आ गया है कि नाबालिगों के गंभीर अपराधों पर सख्ती की जाए। बेशक सोलह साल के बच्चे हमारे मौजूदा कानून के मुताबिक नाबालिग हैं, मगर वे गंभीर अपराध करने से नहीं चूक रहे। मसलन, योजना बनाकर हत्या या दुष्कर्म करने जैसे संगीन अपराध तक को अंजाम दे रहे हैं। दिल्ली के निर्भया कांड समेत तमाम घटनाएं गवाह हैं। उन्होंने बताया कि मैंने खुद जुवेनाइल जस्टिस एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव बनाकर कैबिनट के समक्ष पेश किया है। छह अगस्त को संसद में इस पर चर्चा होगी। उम्मीद है कि आने वाले वक्त में नाबालिग की परिभाषा बदल जाएगी।

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बच्चा गोद लेना होगा आसान

केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने यह भी बताया कि अनाथालय से गोद लिए जाने वाले बच्चों की प्रक्रिया का सरलीकरण भी सरकार करने जा रही है। बच्चे गोद लेने पर आर्थिक सहयोग करने के प्रस्ताव पर भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है। इस बाबत प्रदेश सरकारों से भी राय ली जाएगी।

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