एनआइए अधिकारी तंजील अहमद की हत्या में पहली बड़ी कामयाबी सुरक्षा एजेंसियों को मिली है। तंजील के गांव समेत अलीगढ़ व सम्भल से सात लोगों को सुरक्षा एजेंसियों ने दबोचा है। इनमें दो पिता और पुत्र हैं। उन पर घटनाक्रम की साजिश रचने और हत्यारों के लिए मुखबिरी करने का
By Ashish MishraEdited By: Updated: Thu, 07 Apr 2016 07:13 PM (IST)
लखनऊ। एनआइए अधिकारी तंजील अहमद की हत्या में पहली बड़ी कामयाबी सुरक्षा एजेंसियों को मिली है। तंजील के गांव समेत अलीगढ़ व सम्भल से सात लोगों को सुरक्षा एजेंसियों ने दबोचा है। इनमें दो पिता और पुत्र हैं। उन पर घटनाक्रम की साजिश रचने और हत्यारों के लिए मुखबिरी करने का शक है। बेटे का लंबा चौड़ा आपराधिक इतिहास रहा है, जबकि तंजील से उसकी काफी नजदीकी भी बताई जा रही है। हत्याकांड में प्रयुक्त लाल रंग की पल्सर बाइक समेत एक शख्स को बरेली से उठाया गया है। माना जा रहा है, यह वही बाइक है जिसका इस्तेमाल तंजील को मारने में हुआ। उसके पीछे बैठे युवक ने गोलियां दागीं। एनआइए समेत अन्य एजेंसियां सभी से पूछताछ कर रही हैं। वारदात में शामिल अन्य शार्प शूटर की तलाश जारी है।
डिप्टी एसपी तंजील अहमद की हत्या के प्रकरण में जुटी एसटीएफ मेरठ, एसटीएफ बरेली और बिजनौर पुलिस को यह सफलता मिली है। माना जा रहा है कि संयुक्त टीम ने इस हत्याकांड से लगभग पर्दा उठा दिया है। आतंकी हाथ होने के सुबूत अभी तक मिले नहीं हैं। ऐसे में तंजील की निजी जिंदगी, विवाद आदि को ध्यान में रखकर जानकारी जुटाई जा रही थी। उसी कड़ी में जिन सात लोगों को दबोचा गया है, वे तंजील के गृहनगर बिजनौर में स्थित गांव सहसपुर स्योहारा और अलीगढ़, सम्भल के हैं। बेटा मुनीर और पिता महताब स्योहारा के हैं। बाकी के नाम का खुलासा नहीं हो सका है। अहम बात यह है कि मुनीर ही हार्डकोर अपराधी और शार्प शूटर है। यह एनआइए अधिकारी का पुराना परिचित भी बताया जा रहा है।
लाल रंग की बाइक समेत एक बरेली में धरा : मुखबिर की निशानदेही पर बरेली एसटीएफ ने बुधवार को शहर से एक लाल रंग की पल्सर बाइक बरामद की है, जिसका संबंध तंजील अहमद हत्याकांड से बताया जा रहा है। एक आरोपी भी धरा गया है। माना जा रहा है कि एनआइए अधिकारी पर गोलियां बरसाने वाले बदमाश इसी बाइक पर पहुंचे थे। यह बात भी सामने आई है कि बाइक स्योहारा की ही है, लेकिन वारदात के बाद बरेली में छिपा दी गई थी।मुनीर पर शक, ऐसे हुई धरपकड़ : खुफिया एजेंसियों के सूत्रों की मानें तो बुधवार को स्योहारा में भारी पुलिस फोर्स के साथ एजेंसियों ने दबिश दी थी। यहां से मुनीर के परिवार के सदस्य भी उठाए गए। बताते हैं, मुनीर फिलहाल यहां आता-जाता नहीं है। मुनीर स्योहारा के स्कूल से इंटर करने के बाद ग्रेजुएशन के लिए अलीगढ़ चला गया था। बिजनौर में थाना प्रभारी राजकुमार शर्मा के मुताबिक, अलीगढ़ जाने के बाद वह अपराध की दुनिया में सक्रिय हो गया। आज एक शातिर अपराधी व शार्प शूटर है। लगभग तीन-चार वर्षों में जब सहसपुर स्योहारा में अलीगढ़ आदि जिलों की पुलिस ने दबिश देनी शुरू की तभी से उसने यहां आना छोड़ दिया। अलीगढ़ से उसके नजदीकी को हिरासत में लिया गया है। सम्भल से दो हार्डकोर क्रिमिनल पुलिस ने उठाए हैं। स्थानीय पुलिस को शादी समारोह की वीडियो में तीन युवक मोबाइल से फोटो लेते दिखे थे। पुलिस ने पड़ताल की तो तीनों अलीगढ़ और सम्भल के शूटर निकले। तीनों को उठाकर सुरक्षा एजेंसियों की पांच टीमें लगातार पूछताछ कर रही हैं। सूत्रों का दावा है, एक महिला का नाम भी आरोपियों ने उगला है। उसे भी तलाशा जा रहा है।
कभी मुनीर के मददगार बने थे तंजील : सूत्रों की मानें तो गांव का होने के चलते कई मामलों में मुनीर की तंजील ने मदद भी की थी। खुफिया एजेंसियों की मानें तो पिछले कुछ समय से उनके संबंध खराब हो गए थे। विवाद के बाद ही मुनीर ने तंजील से दूरी बना ली। नकली नोटों के कारोबार का भी लिंक का शक : वारदात के पीछे सहसपुर की जमीनी रंजिश और नकली नोट का कारोबार का लिंक सामने आया है। सूत्रों की मानें तो आरोपियों में से एक नकली नोट के धंधे से भी जुड़ा था। हालांकि इस मामले में आला पुलिस अधिकारी कुछ भी बोलने से इन्कार कर रहे हैं, लेकिन पुलिस सूत्रों की मानें तो वारदात की प्लानिंग तंजील के बिजनौर आने की जानकारी मिलने के बाद की गई थी। इसके बाद सहसपुर के आसपास ही घटना को अंजाम देने की तैयारी की गई।
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